Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter
Follow palashbiswaskl on Twitter

Thursday, December 9, 2010

Fwd: Hastakshep.com | News Letter



---------- Forwarded message ----------
From: Hastakshep.com | News Letter <noreply@hastakshep.in>
Date: 2010/12/9
Subject: Hastakshep.com | News Letter
To: palashbiswaskl@gmail.com


Thursday, December 9 ,2010
नवीनतम प्रकाशित लेख
चक्रकाल : यह वोह उत्तराखंड तो नहीं जिसका सपना देखा था
जब भी उत्तराखण्ड के पहाड़ों पर जाना होता है, तो हमेशा नये अनुभवों से दो-चार हुआ जाता है। बेपनाह खूबसूरती के बावजूद आज भी मूलभूत आवश्यकताएं न जुटा पाने पर अफसोस होता है। नरेन्द्र सिंह नेगी के गीत ''ठण्ड़ो रे ठण्ड़ो, मेरे पहाड़ की हवा, पानी ठण्ड़ो'' अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है। बद्री-केदार-यमुनोत्रत्री-गंगोत्र  Read...
धर्म के नाम पर जाम का दंश झेलता हमारा देश
 किसी भी मनुष्य के दैनिक जीवन में आम लोगों की दिनचर्या का सुचारू संचालन काफी महत्वपूर्ण होता है। बावजूद इसके कि हमारे देश की लगभग 60 फीसदी आबादी देश के गांव में बसती है तथा शेष जनसंख्या शहरों व कस्बों का हिस्सा हैं। इसके बावजूद गांवों की तुलना में शहरी जीवन कहीं अधिक अस्त व्यस्त दिखाई देता है। माना जा सकता  Read...
भ्रष्टाचार नाम सत्य है!
इस खबर से शायद ही किसी को हैरानी हुई होगी कि दुनिया के भ्रष्टतम देशों की काली सूची में भारत तीन पायदान और खिसककर ८७वें स्थान पर पहुंच गया है. इस सूची में भारत के और नीचे गिरने की वजह कामनवेल्थ खेलों में भ्रष्टाचार की खबरों को माना जा रहा है जिसके कारण दुनिया भर में उसकी खासी किरकिरी हुई है. यह जानकर भी शायद ही   Read...
आदिवासियों में परिवर्तन का विरोध क्यों
आदिवासियों के जब भी सवाल उठते हैं तो एक सवाल मन में आता है कि क्या आदिवासी अपरिवर्तनीय हैं ? क्या वे जैसे रहते आए हैं उन्हें वैसे ही रहने दिया जाए ? भारत में पूंजीवादी परिवर्तनों का आदिवासियों पर क्या असर हुआ है ?  भारत में 400 आदिवासी समुदाय रहते हैं। जिन्हें आधिकारिक तौर पर शिड्यूल ट्राइव के नाम से जानते है�¤  Read...
न्याय चला अब न्याय मांगने
हमें भी इन्साफ चाहिएउच्च न्यायालय इलाहाबाद ने माननीय उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर कर हाईकोर्ट के प्रति सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गयी टिप्पणियों को हटाने की मांग की है। प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत के प्रति माननीय उच्चतम न्यायलय ने कई भ्रष्टाचार से सम्बंधित कई अहम् टिप्पणियां की थी। जिसमें यह क  Read...
दहेज हत्या बनी मौत का फरमान
पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूं....तेरी इन बांहों में तेरी निगाहों में कुछ दिन और रहती तो क्या बिगड़ जाता....ये सवाल हर वो लडकी अपने मां बाप से पुछती है जो अपने पिता के आंगन को छोडकर ससुराल की गलियों में क़दम रखती है..आंखों में खूबसूरत सपने लेकर पिया के घर चली जाती है.....लेकिन उसके सपने उस वक्त चकनाचूर हो जाते है जà  Read...
हथौड़ा :शीला की जवानी के बहाने
सच बात तो यह है कि शीला की जवानी मुन्नी की बदनामी से उन्नीस नहीं बैठती। जो और जिन लटकों-झटकों के दर्शन हमें मुन्नी की बदनामी में देखने को मिले, वही शीला की जवानी में भी हैं। दोनों के ही आइटम मस्त और बिंदास हैं। मैं यह बात दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर आज गालिब जिंदा रहे होते, तो न जाने कितने शेर उन्होंने मुà  Read...
कुछ बातें बेमतलब :कुछ कुछ होता है
कुछ कुछ होता है यही तो लोकतंत्र की माया है । शायद इसीलिए किसी ने , शायद विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि लोकतंत्र बहुत बुरा तंत्र है , पर इससे बेहतर कोई तंत्र हो तो बताइए । लोकतंत्र वह नहीं है जो किताबों में अब्राहम लिंकन के बहाने पढ़ाया जाता है । जनता का ,जनता के लिए और जनता से । यह भी लोकतंत्र का कमाल है कि अकसर यहां  Read...
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन घोटालों की कब्रगाह है
उत्तर प्रदेश में फायर ब्रिगेड में पम्प घोटाला, पुस्तक घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला, खाद्यान्न घोटाला सहित हजारों चर्चित घोटाले हैं जिसकी जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन या पुलिस विभाग की अन्य एजेंसियां करती हैं। कुछ दिनों तक अखबारों की सुर्ख़ियों में घोटाले चर्चित रहते हैं और उसके बाद घोटालों की फाइलें �¤  Read...
सिनमाई परदा बहुत कुछ कहता है...
मसलन ये ना सिर्फ मंनोरंजन एक माध्यम है बल्कि अभिव्यक्ति का एक हस्ताक्षर भी है.. इस माध्यम से अभिव्यक्ति का एक सशक्त हस्ताक्षर है..हास्य। सिनमाई परदें पर एक्शन .से भी ज्यादा लोगो हास्य को स्वीकार किया है...।यही कारण  साल भर में रिलीज होनेवाली फिल्मो में ज्यादातर फिल्म हास्य प्रधान होती हैं।..ये फिल्में लोगो  Read...
जलवायु परिवर्तन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार आईटी सेक्टर ?
नई दिल्ली/कानकून (मैक्सिको), 7 दिसम्बर 2010– आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो  के रूप में पहली बार एक भारतीय कंपनी कूल आईटी लीडरबोर्ड में शामिल हुई है और इस आंकलन बोर्ड में दस शीर्ष कंपनियों में अपना स्‍थान बनाने में कामयाब रही।उम्मीद है कि अगले साल में इस लीडरबोर्ड के  विकास के साथ चुनिंदा प्रमुख भारत  Read...
बेनकाब शीर्ष चेहरे
 देखा जाए तो देश में एक के बाद, एक भ्रश्टाचार के मामले सामने आते जा रहे हैं। इन घोटालों के चलते यूपीए सरकार और प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पूरी तरह घिरे नजर आ रहे हैं और विपक्ष के निशाने पर हैं तथा संसद तक 18 दिनों से नहीं चलने दे रहे हैं, वही नीरा राडिया फोन टेप मामले ने भी भारतीय पत्रकारिता में खलबली मचा दी ह  Read...
कुछ बातें बेमतलब / अंडा का फंडा
एक होता है अंडा । अंडा बेचने वालों ने चलाया खेल और कहा कि संडे हो या मंडे – रोज खाओ अंडे । अंडा की बहुत सारी परिभाषा है । जैसे मुहावरे में कहा जाता है कि शिक्षक बनने के लिए बिहार मत जाना , बहाली के नाम पर मिलेगा अंडा । सचमुच में शिक्षक की बहाली बिहार में कुछ वैसा ही हो गया है कि पहले मुर्गी या अंडा ।सुशासन बाबू स  Read...
..यूं ही हमेशा खिलाएं हैं हमने आग में फूल
..यूं ही हमेशा खिलाएं हैं हमने आग में फूलन उनकी हार नयी है और न अपनी जीत नयी ..नागरिक अधिकार मंच के स्थापना सम्मेलन में आप सभी लोगों को क्रान्तिकारी अभिवादन पेश करने के लिए आपके सामने खड़ा हूं। मैं नहीं जानता कि सूबा मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में अपनी सक्रियताओं से पहचान बना चुके मंच के स्थापना सम्मेलन के à  Read...
वाम की जीत और प्राइमरी शिक्षा का सच
हाल ही में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद के चुनावों में वाममोर्चे को भारी जीत मिली है। यह जीत इस बात की सूचना है कि प्राथमिक शिक्षकों और कर्मचारियों में वाम मोर्चे का प्रभाव बरकरार है। किन्तु इस जीत का यह अर्थ नहीं है कि प्राइमरी शिक्षा में सब ठीक चल रहा है। वाम की जीत और प्राइमरी शिक्षा की बदहाल अवस्à  Read...
लोकतंत्र के बिंदास लेखक नागार्जुन
बाबा नागार्जुन को मंदी और नव्य-उदारीकरण के संदर्भ में पढ़ना निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि है। मैंने करीब एक दशक से बाबा को  नहीं पढ़ा था, इस बीच में उन्हें चलताऊ ढ़ंग से पढ़ा और रख दिया था। लेकिन इस बीच में उनकी जो भी किताबें बाजार में आईं उन्हें खरीदता चला गया और इधर उन्हें मन लगाकर पढ़ गया।  बाबा नागार्जà  Read...
आखिर सब्र का इम्तिहान कब तक?
फतेहपुर : न्याय पाने की आस के साथ आये फौजी की पुलिस ने निर्ममता सेपिटाई कर मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ा दी। न्याय न मिलने पर आक्रोशित हुए फौजी को प्रशासन अपनी सूझबूझ से शांत भी करा सकता था पर कोतवाल खागा ने उसको पीटकर मामला और भी गंभीर कर दिया। घटना के बाद सारा दिन पुलिस विभाग की किरकिरी होती रही। दरअसल साà  Read...
लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भारी पड़ता पुलिसिया तांडव
बीते दिनों उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि पुलिस को अंतिम विकल्प के तौर पर ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना चाहिए, क्योंकि बेवजह किसी को कैद करना, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन है। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा, 'गिरफ्तारी अंतिम विकल्प होना चाहिए और अपवादस्वरूप ऐसे मामलो�¤  Read...
जे.पी.सी से क्यों डर रही है सरकार?
पिछले तीन सप्ताहों से संसद ठप्प है. आशंका है कि संसद का शीतकालीन सत्र ऐसे ही निकल जायेगा. कारण? विपक्ष की मांग है कि अब तक के सबसे बड़े २ जी घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय जांच समिति गठित की जाए. लेकिन यू.पी.ए सरकार खासकर कांग्रेस जे.पी.सी के लिए कतई तैयार नहीं है. दूसरी ओर, विपक्ष भी अपनी मांग पर अड़ा हुआ है. दà  Read...
लाबीइंग के चैनल
इस बार चर्चा एक ऐसे तमाशे की जो चैनलों के पर्दे पर नहीं बल्कि पर्दे के पीछे चल रही है. समाचार चैनलों की स्टिंग आपरेशन और टेलीफ़ोन टेपों में अतिरिक्त दिलचस्पी आपसे छुपी नहीं है. हालांकि इधर स्टिंग का क्रेज थोड़ा कम हो गया है, अन्यथा एक समय ऐसा था कि चैनलों में स्टिंग दिखाने की होड़ मची रहती थी. चैनलों में स्टिंग आ  Read...
Copyright © 2010-2011 Hastkashep.com. All Rights Reserved.                                Designe & Developed by



--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Welcome

Website counter

Followers

Blog Archive

Contributors