ब्लॉग या वेबसाइट पर नामहीन कुछ भी न जाने दें
राजेन प्रसाद शशि भूषण के लिखे पर टिप्पणी करते हैं …
…
इस पत्र को पढ़ने के बाद विष्णु खरे जी ने मोहल्ला लाइव के मॉडरेटर से राजेन प्रसाद का ईमेल आईडी मांगा, जो उन्हें उपलब्ध करा दिया गया। क्योंकि लेखक को ये जानने का पूरा हक है कि उसके लेख पर आयी टिप्पणी दरअसल किसने की है और उसकी आईडी क्या है और उसका आईपी एड्रेस क्या है। हालांकि इसके बावजूद टिप्पणीकार की कुंडली निकालना आमतौर पर मुश्किल है। खैर विष्णु खरे जी ने राजेन प्रसाद को एक व्यक्तिगत पत्र लिखा…
विष्णु खरे
…
इस पत्र के कुछ घंटे बाद विष्णु जी ने हमें यह नोट भेजा…
ब्लॉग-जाल के साथ हिंदी में यही समस्या है। मालूम नहीं पड़ता कि कौन से नाम असली हैं और कौन से जाली, और असली नामों में से भी कितने लोग और फर्जी नामों से लिख रहे हैं। असलियों की भी असली नीयत का पता नहीं चलता। उनके असली आका कौन हैं यह भी मालूम करना कठिन है। यहां कोई भी कभी भी Agent Provocateur बन सकता है।
क्या मैं आपको यह सुझाव देने की गुस्ताखी करूं कि एक तो आप कृपया हमेशा मोनिटर लगाये रखें ताकि कुछ लोग अपने शत्रुओं को कमीना, कुत्ता, लौंडियाबाज, गांडू, मादरचोद आदि कहकर बच न निकलें… और यह अनिवार्य कर दें कि प्रत्येक लेखक-लेखिका हमेशा अपने असली नाम से लिखे। पहली बार अनिवार्यतः अपना फोन नंबर, ईमेल आइडी और डाक का पता भी दे, जिसे आप और आपके पाठकगण नोट कर सकें। नामहीन तो कुछ भी नहीं जाने देना चाहिए। इस सबसे आप की भी नैतिक और कानूनी सुरक्षा होगी और ब्लॉग पर एक स्वस्थ, खुला, षड्यंत्रहीन वातावरण बन सकेगा। कायरता कुछ कम होगी।
विष्णु खरे
…
हालांकि विष्णु खरे जी के इस सुझाव के बाद भी बेनामियों को लेकर मोहल्ला लाइव का रुख पहले की तरह बना रहेगा। इस बारे में हमने कई बार लिखा है कि क्यों बेनामी इस लोकतंत्र के लिए जरूरी हैं। फिलहाल दो लिंक यहां हम दे रहे हैं…
Read More … www.mohallalive.com
Read More … www.mohallalive.com
No comments:
Post a Comment