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Sunday, October 18, 2015

সারা বিশ্ব থেকে ভারতীয় লেখকদের সমর্থনে এগিয়ে আসছেন লেখকেরা... Writers From 150 Countries Stand in Solidarity With Indian Writers | Oct 18,2015


   
Sushanta Kar
October 19 at 12:24am
 
সারা বিশ্ব থেকে ভারতীয় লেখকদের সমর্থনে এগিয়ে আসছেন লেখকেরা...
Writers From 150 Countries Stand in Solidarity With Indian Writers | Oct 18,2015
www.outlookindia.com
Writers from 150 countries have expressed solidarity with Indian authors and artistes who have retur...

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https://youtu.be/gruOksIyAzM

इस बलात्कारी हत्यारा दुःसमय में राष्ट्र का विवेक कहां है?

अब कोई संबंध पवित्र बचा नहीं क्योंकि मुक्त बाजार है।

हम दिल्ली के उस मुख्यमंत्री को बलात्कार सुनामी का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं,जिसके प्रति न पुलिस जवाबदेह है और न प्रशासन।इस राज्य को बनाने का क्या औचित्य है कि मुख्यमंत्री को जनादेश के मुताबिक राजकाज चलाने का न्यूनतम हकहकूक से भी वंचित कर रहा है केंद्र?


इस कयामत के मंजर में इंसानियत का जज्बा कहां है?

कहां खो गयी है मुहब्बत?


सात सौ साल तक मुसलमान शासकों ने भारत पर राज किया।तो दोसौ साल तक हम अंग्रेजों के गुलाम रहे।फिर भी सनातन हिंदू धर्म सही सलामत है और हिंदुत्व के सिपाहसालार अखंड भारतवर्ष से लेकर नेपाल तक गैरहिंदुओं के सफाये के लिए कुरुक्षेत्र और चक्रव्यूह रच रहे हैं!


जोधा अकबर ने मुगलिया सल्तनत के लिए धर्म को देश जोड़ने का माध्यम बना लिया है और हम फासिज्म की राजनीति और सत्ता में धर्म को बंटवारे का हथियार बनाये हुए हैं?फिर फिर बंटवारे का हथियार!


यह समाज राष्ट्र पितृसत्ता के मनुस्मति अनुशासन के पर्याय हैं तो स्त्री सेक्स खिलौना है पुरुषतंत्र के नजरिये से।इसके तमाम प्रमाण महाकाव्यों और वैदिकी साहित्य में हैं,जिसे हिंदुत्व का असली इतिहास बताया जाता है।इस पर तुर्रा यह मुक्त बाजार स्त्री देह का।


कल सविता बाबू की संवेदनाओं के तारों को बेतरह छेड़ते हुए वीडियो में एक और मेरठ की तस्वीर हमने जारी की है,जहां नौचंदी मेला दंगाइयों की ओर से उजाड़ देने के बाद,हाशिमपुरा और मलियाना कत्लेआम को अंजाम देने के बाद लाखों किसानों के आंदोलन में यूपी उत्तराखंड के हिंदू मुसलमान किसानों ने बंगाल और देस भर में आजादी से पहले और बाद में हमेशा जो किया,वही साझा चूल्हा सुलगा दिया।रवींद्र संगीत की पृष्ठभूमि में मनुष्यता की धाराओं के महाविलय के इस भारत तीर्थ की यात्रा भी कर लें।

सविता बाबू पूछती हैं कि बवंडर क्यों मचा है जबकि सरहदो के आर पार साझा चूल्हा अब भी सुलग रहा है।?


मजहब भले अलग हो,हमारे दिल एक है।बंटवारा हुआ है ,दिलों का बंटवारा नहीं हुआ है।दिलों का बंटवारा नामुमकिन है।


हवा एक है।मिट्टी एक है।आसमान एक है।नदियां एक सी हैं। हिमालय इकलौता है।समुंदर भी एक सा है।


गोमांस को लेकर यह बवंडर क्यों और लोग बंटवारा पर क्यों आमादा है?


मिट्टी का रंग एक सा है।मिट्टी नहीं बदलती कंटीली तारों के बावजूद।पाकिस्तानी ड्रामा में भी फिर वही अखंड भारत।दिलों का बंटवारा हुआ तो कुछ नहीं बचेगा।इंसानियत तबाह हो जायेगी।


मेरठ दंगों के ठीक बाद,नौचंदी मेले के दंगाइयोें के फूंक देने के बाद,मलियाना और हाशिमपुरा नरसंहारों के बाद  भाईचारा  का माहौल जो किसान आंदोलन में देखा,जो मसुलमान और हिंदू किसानों का साझा चूल्हे से पकी रोटियों और सब्जियों का जायका वे लेती रही हैं,वह जायका हर हर महदेव और अल्लाहो अकबर की धर्मोन्मादी गूंज के आर पार वे सरहद के आर पार सबसे साझा कर रही हैं।


https://youtu.be/SOlq6RFwl3s


Sabita Babu speaks from the Heart of the India,where Dilon kaa Bantwara naa huaa hai naa Hoga.Please share as much as you can to save India!The Real India,the greatest pilgrimage of humanity merging so many streams of humanity!

মন্ত্রহীন,ব্রাত্য,জাতিহারা রবীন্দ্রনাথ,রবীন্দ্র সঙ্গীতঃ দীনহীনে কেহ চাহে না, তুমি তারে রাখিবে জানি গো।

https://youtu.be/SOlq6RFwl3s


Why should the Executive at the Centre become Almighty?

Why should he behave above the constitution,kill the Polity?

Let Me Speak Human!Let Me support Kejriwal for his demand to control Delhi Police!

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