Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter
Follow palashbiswaskl on Twitter

Sunday, February 21, 2016

सोनी सोरी के चेहरे पर तेजाब फेंक दी जाती है और पाश्र्व से भारत माता के नारे की आवाज सुनाई देती है । यह pradhanmantri नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ आने के ठीक पहले की रात की बात है । भय से भरा घिनावन समय है यह । लोगों में भय है लेकिन बौखलाहट भी है । यही बौखलाहट उम्मीद है ।


Ranjit Verma

सोनी सोरी के चेहरे पर तेजाब फेंक दी जाती है और पाश्र्व से भारत माता के नारे की आवाज सुनाई देती है । यह pradhanmantri नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ आने के ठीक पहले की रात की बात है । भय से भरा घिनावन समय है यह । लोगों में भय है लेकिन बौखलाहट भी है । यही बौखलाहट उम्मीद है । 
भय मेरे अंदर भी काम कर रहा था । रांची में जो घटना घटी थी उसके बाद अंदर से मन हिल गया था । सोचा छत्तीसगढ जाने की योजना रद्द कर दूं । सियाराम शर्मा को फोन भी कर दिया उन्होंने हामी भी भर दी । लेकिन सुबह लगा कि अगर डर से नहीं गया तो जीवन भर खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा । सुबह फोन कर के कह दिया कि आ रहा हूं । लेकिन भय भिलाई में भी था । बैनर पर 'कविता : १६ मई के बाद' नहीं लिखा था हालांकि सब कुछ वैसे ही हुआ जैसा कि लिखे रहने पर होता । करीब बीस कवियों ने कविता पाठ किया और उपस्थिति ६० के करीब थी । इस आयोजन से पहले एकल कविता पाठ के लिये सियाराम शर्मा मुझे अपने कॉलेज ले गए थे । भय वहां भी था । 
भय रायगढ मे भी था जो सभी का अकेले अकेले पीछा कर रहा था । यहां बैनर में 'कविता : १६ मई के बाद तो लिखा था लेकिन टाउन हॉल में करने की जगह जहां पहले करने की उनकी योजना थी, तुलनात्मक रूप से सुरक्षित जगह पर किया गया । दोनों ही जगहों पर बाद में यह महसूस किया लोगों ने कि भय से निजात पाना है तो अभिव्यक्ति के खतरे उठाने ही होंगे ।


--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Welcome

Website counter

Followers

Blog Archive

Contributors