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Wednesday, June 29, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/29
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


डाइटीशियन के तौर पर करिअर

Posted: 28 Jun 2011 11:25 AM PDT

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में हम हर चीज के लिए समय निकाल लेते हैं पर अपने बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिलता। यह बिजी लाइफ स्टाइल हमारे खाने पाने की आदत पर भी असर करता है और हमें अनफिट बनाता है। ऐसे में जरूरत पड़ती है डाइटीशियन की। डाइटीशियन का काम होता है खान पान की सही जानकारी देकर ताकी आपका लाइफ स्टाइल हेल्दी बन सके। सही मायने में कहें तो यह हमारे खाने का डॉक्टर होता है। कई बार तो जो दिक्कतें दवाइयों से नहीं जाती डाइटीशियन की सलाह मानने से ही चली जाती हैं।

किनके लिए है बेस्ट

एक डाइटीशियन बनने के लिए जो चीज सबसे जरूरी है वह है खान पान की अच्छी आदतों को लेकर क्रेज और अच्छा खाना पकाने के तरीकों के बारे में जानने की ललक। अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल भी एक डाइटीशियन को अपने क्लाइंट के साथ बेहतर संबंध बनाने में मदद करते हैं। एक डाइटीशियन को समय-समय पर रिपोर्ट बनानी पड़ती हैं इसलिए अच्छी लेखन क्षमता मददगार होती है। कुछ इंस्टीट्यूट 10+2 के बाद शार्ट टर्म कोर्स में एडमीशन दे देते हैं पर बीएससी होम साइंस का कोर्स करके डाइटीशिन बनने के लिए साइंस बैक ग्राउंड में 10 +2 फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ होम साइंस और बायॉलजी होनी चाहिए।


कहां है स्कोप 

इस करियर का स्कोप दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ज्यादा है। लगभग हर अस्पताल, नर्सिंग होम और ब्यूटी क्लीनिक पर डाइटीशियन की जरूरत होती है । इसके अलावा जिम और कॉपोर्रेट हाउस भी डाइटीशियन को हायर करते हैं। शुरूआत में आराम से 10,000 हजार रुपये कमाए जा सकते हैं। प्राइवेट प्रेक्टिस भी कर सकते हैं जो ठीक से चल जाती है तो करियर को नई ऊंचाईयां मिल सकती हैं। 

कहां से करें कोर्स 

वैसे तो भारत के कई विश्वविद्यालयों के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय भी बीएससी और एमएससी होम साइंस की डिग्री देता है जिनका काफी महत्व है। इग्नू भी डाइटीशियन का पीजी कोर्स चलाता है। कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट है जो शार्ट टर्म कोर्स चलाते हैं जैसे- 

वीएलसीसी इंस्टीट्यूट , लाजपत नगर नई दिल्ली 

वाईएमसीए इंस्टीट्यूट फॉर करियर स्टडीज , नई दिल्ली 

दिल्ली इंस्टीट्यूट फॉर ट्रेनिंग एंड एजुकेशन डाइट , रजौरी गार्डन नई दिल्ली 
(अमित मिश्रा,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.6.11)

डीयू में दाखिलाःथर्ड लिस्ट आते ही फिर भागमभाग

Posted: 28 Jun 2011 11:00 AM PDT

डीयू में थर्ड लिस्ट के आधार पर मंगलवार से एडमिशन प्रोसेस शुरू हो जाएगा और स्टूडेंट्स 1 जुलाई तक एडमिशन ले सकेंगे। हालांकि एडमिशन से पहले ही कॉलेजों में एडमिशन विद्ड्रॉ करवाने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। सोमवार को कॉलेज पहुंचे स्टूडेंट्स किसी न किसी कोर्स में एडमिशन वापस ले रहे थे। चाहे कैंपस के कॉलेज हों या फिर आउट ऑफ कैंपस कॉलेज। कैंपस में भी स्टूडंेट्स एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में जा रहे हैं और आउट ऑफ कैंपस कॉलेज में तो स्टूडेंट्स के पास काफी मौके हैं।

थर्ड लिस्ट में स्टूडेंट्स को बीकॉम, बीकॉम ऑनर्स, बीए, हिंदी ऑनर्स, संस्कृत ऑनर्स में काफी मौके मिल रहे हैं। इस लिस्ट के एडमिशन 1 जुलाई तक चलेंगे। दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आई. एस. बख्शी ने बताया कि सोमवार को करीब 35 स्टूडेंट्स ने एडमिशन कैंसल करवाया है। बीकॉम ऑनर्स, फिजिक्स ऑनर्स, केमिस्ट्री ऑनर्स समेत करीब हर कोर्स में स्टूडेंट्स दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं।


डॉ. बख्शी का कहना है कि बीकॉम कोसेर्ज में तो पहले से ही इतने अधिक एडमिशन हो गए हैं कि शिफ्टिंग का कोई खास असर नहीं पड़ेगा। कैंपस के किरोड़ीमल कॉलेज में ही 20 से अधिक स्टूडेंट्स ने एडमिशन कैंपस करवाने की ऐप्लीकेशन दी है। कॉलेज के मुताबिक, कई कोसेर्ज में स्टूडेंट्स शिफ्ट हो रहे हैं। 

केएमसी में बीकॉम ऑनर्स में जनरल कैटिगरी में अभी तक 5-6 एडमिशन ही हुए हैं। कॉलेज ने अपनी तीसरी कट ऑफ में 0.25 की कमी की है और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस लिस्ट में कॉलेज के बीकॉम ऑनर्स के एडमिशन पूरे होंगे या फिर चौथी लिस्ट भी जारी करनी पड़ सकती है। दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में भी 10 से अधिक स्टूडेंट्स ने एडमिशन कैंसल करवाया है। 

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस. के. गर्ग का कहना है कि इस बार पहली दो लिस्ट में रेकॉर्ड एडमिशन हो गए हैं। जहां कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 92 से कम ही नहीं हुई वहीं साइंस कोसेर्ज में भी सीटों से कहीं अधिक एडमिशन हो गए हैं। गौरतलब है कि डीयू में बीए (ऑनर्स) बिजनेस इकनॉमिक्स का रिजल्ट आ गया है और बीबीएस का फाइनल रिजल्ट भी आने वाला है। आईपी यूनिवसिर्टी में पहली जुलाई से काउंसलिंग प्रोसेस शुरू हो रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में अब प्रफेशनल कोसेर्ज में स्टूडेंट्स शिफ्ट करेंगे(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.6.11)। 

फॉरेंसिक साइंस में करिअर और दाखिला

Posted: 28 Jun 2011 10:30 AM PDT

आतंकवादी घटनाओं में इजाफे को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि देश व विदेश में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़ेगी। इस लिहाज से इस विषय के जानकारों का भविष्य काफी उज्ज्वल है। अगर आप भी बतौर फॉरेसिंक एक्सपर्ट खुद को स्थापित करना चाहते हैं तो डीयू के कई कॉलेजों से इस विषय की पढ़ाई कर सकते हैं। एक रिपोर्टः

एसजीटीबीखालसा कॉलेज में आवेदन जारी, आखिरी तिथि 30 जुलाई
देश में घटने वाली आतंकी घटनाएं हों या आपराधिक वारदातें, इनके सूत्रधारों की धर पकड़ के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षित सुरक्षा बलों की जरूरत पर काफी जोर दिया जा रहा है। सुरक्षा बलों का विशेष प्रशिक्षण आज समाज और समय की मांग है। प्रशिक्षण का एक महत्त्वपूर्ण पहलू फॉरेंसिक साइंस से जुड़ा है। इस साइंस का जानकार व्यक्ति आतंकवादी वारदात या अपराध से जुड़े लोगों को पकड़वाने में खासा मददगार होता है। आतंकवादियों या अपराधियों का स्केच तैयार करने में भी फॉरेंसिक साइंस के एक्सपर्ट ही मददगार होते हैं। अदालत भी कानून में इसी साइंस की मदद लेकर जांच को आगे बढ़ाती है। आशय यह कि आतंकी वारदातों की गुत्थियां हों या किसी की रहस्यात्मक मौत, इसे सुलझाने में फॉरेंसिक साइंस खासी मददगार है। यह वारदात या घटना-स्थल से प्राप्त साक्ष्यों का मुआयना और परीक्षण करती है। फॉरेंसिक साइंटिस्ट से प्राप्त इनपुट को लेकर ही इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर अदालत के समक्ष हाजिर होता है। जरूरत पड़ने पर फॉरेंसिक साइंटिस्ट घटना-स्थल का भी निरीक्षण करता है, ताकि साक्ष्यों का पता लगाया जा सके।

कोर्स की रूपरेखा
फॉरेंसिक साइंस को लेकर आज तीन तरह के कोर्स चल रहे हैं। पहला सर्टिफिकेट कोर्स है। इसमें फॉरेंसिक के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रारंभिक स्तर का ज्ञान दिया जाता है। उसके बारे में रुचि और समझ पैदा की जाती है। इसमें साइंस के विभिन्न रूपों मसलन भौतिकी, केमिस्ट्री, टॉक्सिकोलॉजी, जूलॉजी, एंथोपोलॉजी, बॉटनी, मनोविज्ञान और मेडिसिन आदि के बारे में बताया जाता है। इसके अलावा छात्रों को फोटोग्राफी व हैंड राइटिंग परीक्षण के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है। थियोरॉटिकल के साथ उन्हें प्रैक्टिकल भाग के बारे में बताया जाता है। वे क्रिमिनल लॉ और दूसरे डिग्री कोर्स यानी बीएससी स्तर के तीन वर्षीय कोर्स में, सर्टिफिकेट, क्रिमिनोलॉजी के बारे में भी कुछ जानकारी हासिल करते हैं। डिप्लोमा में जो पढ़ाया जाता है, उसका विस्तार होता है। इसके लिए कोर्स को छह सेमेस्टर में बांटा जाता है। सभी सेमेस्टर में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल शामिल होता है। इसके अलावा छात्र डिग्री लेवल पर दो सबसीडरी विषय जैसे केमिस्ट्री, भौतिकी, मैथ या बॉयोलॉजी पढ़ते हैं।

दाखिले की प्रक्रिया
विश्वविद्यालय में इस कोर्स में दाखिला 12वीं की मेरिट के आधार पर मिलता है। छात्रों का साइंस पढ़ा होना जरूरी है। दिल्ली विश्वविद्यालय के एंथोपोलॉजी विभाग में चल रहे सर्टिफिकेट कोर्स में जुलाई माह में आवेदन मंगाए जाएंगे। खालसा कॉलेज में आवेदन की प्रक्रिया जारी है। यहां पीजी डिप्लोमा कोर्स है जिसमें बीएससी के छात्रों को मेरिट के मुताबिक दाखिला मिलेगा।


आवेदन की आखिरी तिथि 30 जुलाई है। 

नौकरी कहां-कहां
इस विषय के छात्र फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में अलग-अलग रूपों में काम करते हैं। ग्रेजुएशन वाले लेबोरेटरी अटेंडेंट, पोस्ट ग्रेजुएशन वाले जूनियर लेबोरेटरी सहायक और पीचएडी तक पढ़ाई करने वाले साइंटिफिक ऑफिसर व सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर बनते हैं। इसके तहत कोई कोर्स करके चाहे तो स्टेट या सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में लैब अटेंडेंट के रूप में ज्वाइन कर सकता है और फिर अनुभव में बढ़ोत्तरी के साथ सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर या सहायक निदेशक लेवल का काम कर सकता है। निजी डिटेक्टिव एजेंसी में इनकी भूमिका बढ़ गई है। एनालिटिकल लैब में इनकी खासी मांग है। इनके अलावा कॉलेज व विश्वविद्यालय में अध्ययन- अध्यापन का रास्ता खुला है। इससे जुड़े प्रोजेक्ट भी लेकर काम कर सकते हैं। डायरेक्टेरेट ऑफ फॉरेंसिक साइंस यह मौका देता है। अदालतों में फिंगर एक्सपर्ट या हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के रूप में काम कर सकते हैं। पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में इनकी जरूरत होती है। 

इस कोर्स के छात्र इन संस्थानों में नौकरी के अवसर तलाश सकते हैं।

सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, फिंगर प्रिंट ब्यूरो, कैबिनेट सेक्रेटेरियट, सीबीआई, आईबी, फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी, एगमार्क लेबोरेटरी, केमिकल एग्जामिनर लेबोरेटरी, सेरोलॉजिकल लेबोरेटरी, बैंक, लॉ इंफोर्समेंट विभाग, यूनिवर्सिटी व कॉलेज में अध्यापन, पुलिस, मिलिटरी इंटेलिजेंस, प्राइवेट डिटेक्टिव में नौकरी के अवसर उपलब्ध होते हैं।

कोर्स कराने वाले अन्य संस्थान
बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा, पीजी कोर्स
एमिटी यूनिवर्सिटी, यूजी, पीजी व डिप्लोमा कोर्स 
आईपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली, पीजी कोर्स 

फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक
ये विषय फॉरेंसिक साइंस और मनोविज्ञान को मिला कर बनाया गया है। फॉरेंसिक साइकोलॉजिस्ट से अक्सर जज या वकील सलाह लेते हैं, ताकि वे क्रिमिनल का व्यवहार समझ कर उसे सही सजा सुना सकें। कई बार मृत्यु की सजा से लेकर उमर कैद तक की सजा में फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक की सहायता से निर्णय लिया जाता है। कई बार इस विषय के जानकार पुलिस कर्मियों और वकीलों को ट्रेनिंग भी देते हैं, जिससे किसी केस को सुलझाते समय वे बारीकियों का ध्यान रख सकें।
(प्रियंका कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,28.6.11)

डीयूःबिजनेस इकनॉमिक्स की 4 से काउंसलिंग

Posted: 28 Jun 2011 10:00 AM PDT

डीयू ने बीए (ऑनर्स) बिजनेस इकनॉमिक्स कोर्स का रिजल्ट आउट कर दिया है। टेस्ट में हाई स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी है। 360 नंबर के टेस्ट में काफी स्टूडेंट्स ने 300 तक स्कोर किया है। 4 जुलाई से काउंसलिंग प्रोसेस शुरू होगा। साउथ कैंपस की आर्ट फैकल्टी बिल्डिंग के कमरा नंबर 117 में काउंसलिंग होगी। 4, 5, 9, 11, 15 और 16 जुलाई को काउंसलिंग का शेड्यूल तय किया गया है।

बिजनेस इकनॉमिक्स कोर्स के एडमिशन के कन्वीनर डॉ. हरीश धवन ने बताया कि पिछले साल जनरल कैटिगरी में 2,800 तक रैंक लाने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन का मौका मिला था और इस साल भी इसी रैंक तक के स्टूडेंट्स को बुलाया जा रहा है। अगर सीटें बची रहती हैं तो फिर आगे की रैंक वाले स्टूडेंट्स को 22 और 23 जुलाई को बुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बार रिजल्ट बेहतर रहा है तो हो सकता है कि 2,800 रैंक से पहले ही सीटें फुल हो जाएं।

बिजनेस इकनॉमिक्स एंट्रेंस टेस्ट करीब 11 हजार स्टूडेंट्स ने दिया था और 9 हजार से कुछ अधिक स्टूडेंट्स को रैंक दी गई हैं। यूनिवसिर्टी के मुताबिक बिजनेस इकनॉमिक्स कोर्स की कुल सीटें 550 हैं और इस कोर्स में हर साल ओबीसी कैटिगरी की कुछ सीटें भी जनरल कैटिगरी को ट्रांसफर हो जाती हैं। 4 जुलाई को जनरल कैटिगरी में 500 तक रैंक लाने वाले स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है जबकि ओबीसी कैटिगरी में 47 तक रैंक वाले स्टूडेंट्स की काउंसलिंग होगी।


इसी तरह से 5 जुलाई को जनरल कैटिगरी में 1300 तक रैंक वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन का मौका मिलेगा। काउंसलिंग का पूरा शेड्यूल वेबसाइट http://south.du.ac.im/fassh पर देखा जा सकता है। इस बार 12वीं का रिजल्ट बेहतर रहा है जिसके चलते एंट्रेस टेस्ट की मेरिट में भी हाई स्कोर पाने वाले स्टूडेंट्स ज्यादा हैं। इस कोर्स की जब मेरिट लिस्ट बनती है तो 50 पर्सेंट वेटेज 12वीं के मार्क्स की होती है और 50 पर्सेंट वेटेज एंट्रेंस टेस्ट की। 

यह कोर्स दस कॉलेजों मैं है, जिनमें भीमराव आंबेडकर कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, शिवाजी कॉलेज, श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स, श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज, राम लाल आनंद ईवनिंग कॉलेज, गागीर् कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज और नॉर्थ कैंपस का एसजीटीबी खालसा कॉलेज शामिल हैं। इस कोर्स में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू से नहीं गुजरना पड़ता जबकि बीबीएस और बीएफआईए में इंटरव्यू प्रोसेस होता है। 

काउंसलिंग के समय जरूरी डॉक्युमेंट्स 

- एडमिट कार्ड 

- 12 वीं क्लास के ओरिजनल सटिर्फिकेट 

- एससी , एसटी , पीएच , सीडब्ल्यू और ओबीसी कैटिगरी के सटिर्फिकेट 
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.6.11)

आईपी यूनिवसिर्टी : काउंसलिंग होगी सख़्ती से

Posted: 28 Jun 2011 09:30 AM PDT

गुरु गोविंद सिंह इंदप्रस्थ (आईपी) यूनिवसिर्टी में काउंसलिंग प्रोसेस 1 जुलाई से शुरू हो रहा है और इस बार यूनिवसिर्टी ने फर्जी कैंडिडेट्स से निपटने की खास तैयारी कर ली है। पिछले साल बीटेक में 80 से अधिक फर्जी कैंडिडेट्स पकडे़ गए थे और इससे सबक लेते हुए इस बार यूनिवसिर्टी ने कड़े फैसले लिए हैं।

काउंसलिंग के लिए आने वाले स्टूडेंट्स को थंब इंप्रेशन देना होगा व उनके सिग्नेचर की भी जांच होगी। हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की सेवाएं भी यूनिवसिर्टी ले रही है। इस बार जिन स्टूडेंट्स को एडमिशन लेना है, उन्होंने खुद अपना फॉर्म भरा है। स्टूडेंट्स को एडमिशन से पहले तीन बार अपने अंगूठे का निशान (थंब इंप्रेशन) देना होगा। सबसे पहले एडमिशन फॉर्म में थंब इंप्रेशन का कॉलम जोड़ा गया है, इसके बाद जब स्टूडेंट एग्जाम सेंटर पर गया तो वहां भी उसे अंगूठे का निशान देना पड़ा और अब एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करने वाले स्टूडेंट्स जब काउंसलिंग के लिए आएंगे, तो वहां भी उनके अंगूठे का निशान लिया जाएगा।

इससे यह साफ हो सकेगा कि एक ही स्टूडेंट ने फॉर्म भरा है, एंट्रेंस टेस्ट दिया है और काउंसलिंग में भी वही स्टूडेंट आया है। पिछले साल ऐसे काफी कैंडिडेट्स पकड़े गए थे, जिनका टेस्ट किसी ने दिया था और काउंसलिंग अटेंड करने कोई और स्टूडेंट आया था।


यूनिवसिर्टी के वाइस चांसलर प्रो. दिलीप के. बंदोपाध्याय ने बताया कि काउंसलिंग प्रोसेस पूरी तरह से पारदशीर् होगा और जो भी स्टूडेंट फजीर् तरीके से एडमिशन लेने की कोशिश करेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे स्टूडेंट्स को पुलिस के हवाले तो किया ही जाएगा, साथ ही उनके सारे डॉक्युमेंट्स भी जब्त कर लिए जाएंगे। जॉइंट रजिस्ट्रार (ऐकडेमिक) कर्नल प्रदीप उपमन्यु ने बताया कि इस बार ओएमआर शीट पर स्टूडेंट्स के साइन व अंगूठे का निशान है और इससे फजीर्वाड़ा पकड़ने में आसानी होगी। 

उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्रों की भी वेरिफिकेशन करवाई जाएगी। इस बार स्टूडेंट्स से पोस्ट कार्ड साइज की फोटो भी ली गई है, ताकि पहचान में आसानी हो। एक जुलाई से यूनिवसिर्टी के बीबीए, बीसीए, बीएड, एलएलबी और बीजेएमसी कोर्स की काउंसलिंग शुरू हो रही है। यूनिवसिर्टी का कहना है कि स्टूडेंट्स को वेबसाइट पर काउंसलिंग का पूरा शेडयूल देखकर ही आना चाहिए। सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स लेकर आने होंगे। यूनिवसिर्टी के द्वारका कैंपस में काउंसलिंग होगी(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.6.11)।

छत्तीसगढ़: तीसरी बार पीएमटी 10 जुलाई को

Posted: 28 Jun 2011 09:18 AM PDT

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा इस साल तीसरी बार आयोजित की जा रही पीएमटी 10 जुलाई को हो सकती है। एक-दो दिनों में इसकी अधिकृत घोषणा कर दी जाएगी। रविवार होने की वजह से मंडल के अधिकारियों को फिलहाल यही तिथि उपयुक्त लग रही है।

रविवार को स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी होने की वजह से मंडल के अधिकारी इसी दिन परीक्षा आयोजित करना चाहते हैं।

पीएमटी का आयोजन दो पालियों में होगा। स्कूलों में नया सत्र शुरू होने की वजह से बाकी दिनों में परीक्षा आयोजित करना मुश्किल काम होगा। मंडल के पास जुलाई में 3, 10 और 17 जुलाई की तिथि परीक्षा के लिए उपलब्ध है।


3 तारीख तक परीक्षा का कामकाज पूरा नहीं हो सकेगा और 17 जुलाई को परीक्षा आयोजित करने पर काउंसिलिंग का समय पिछड़ सकता है। ऐसे में 10 जुलाई को परीक्षा आयोजित की जा सकती है। व्यापमं के अध्यक्ष सुब्रमण्यम के अनुसार इसकी घोषणा जल्द से जल्द कर दी जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने पीएमटी कांड में भाजपा नेताओं की चुप्पी पर कहा कि सभी घोटालेबाजों के आगे नतमस्तक हो गए हैं। पिछले सात वर्षो से उम्मीदवारों को उनके हक से वंचित रखा जा रहा है। 

कमेटी के प्रवक्ता जसवंत क्लाडियस ने बताया कि पर्चा लीक कांड की वजह से पूरे देश में छत्तीसगढ़ की बदनामी हुई है। विधायक अमितेष शुक्ल ने पीएमटी पर्चा लीक कांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। श्री शुक्ल ने एक बयान जारी कर कहा कि पर्चा लीक होने से एक बात साफ हो गई है कि सरकार व्यापमं की मदद से छात्रों से धन उगाही कर रही है।

पूरे मामले में सरकार की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई से जांच करानी चाहिए। व्यापमं में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी कई परीक्षाओं में गड़बड़ी हो चुकी है। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने आरोप लगाया है कि पर्चा कांड की जांच को भाजपा के कुछ बड़े नेता प्रभावित कर रहे हैं(दैनिक भास्कर,रायपुर,28.6.11)।

मुंबईःलो प्रोफाइल स्कूलों ने दिए सब्जेक्ट टॉपर्स

Posted: 28 Jun 2011 09:16 AM PDT

एसएससी स्कूलों के लिए सोमवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा। सभी स्कूलों में मार्कशीट लेने के लिए स्टूडेंट्स की बेशुमार भीड़ उमड़ी।

क्रिएटिव हाईस्कूल, ठाणे की प्रिंसिपल कमला कनोजिया ने कहा, 'तकरीबन सभी स्टूडेंट्स ने अपनी मार्कशीट ले ली हैं, लेकिन ऑनलाइन फॉर्म भरने की भीड़ आज नहीं रही।' गौतम गर्ल्स हाईस्कूल के प्रिंसिपल शैलेश सिंह के मुताबिक, 'शाम को तीन से पांच के बीच मार्कशीट वितरित की गईं। लेकिन इसको लेकर कोई खास उत्साह नहीं रहा क्योंकि सबको अपने मार्क्स रिजल्ट के दिन ही वेबसाइट पर पता चल जाते हैं।'

सबसे दिलचस्प रही टॉपर्स की लिस्ट, जो एसएससी बोर्ड ने सोमवार को जारी की। इस बार के सभी विषयों के टॉपर्स पॉश स्कूलों के बजाय सामान्य स्कूलों से रहे। सरस्वती विद्या निकेतन, विक्रोली की सुवर्णा थोरात ने साइंस में 100 प्रतिशत पाए। कार्मेलाइट स्कूल वसई की संभवी राउत और गणेश विद्या मंदिर, धारावी की सोनल सोनावणे को मैथ्स में 100 प्रतिशत अंक पाए हैं। कई स्टूडेंट्स को मैथ्स में पूरे मार्क्स मिले हैं।


नाइट स्कूल के स्टूडेंट गोकुल इचाले को सामाजिक शास्त्र में 95 मार्क्स मिले हैं जो इस श्रेणी में सर्वाधिक हैं। 

बोर्ड टॉपर्स 

नाम विषय मार्क्स कुल प्रतिशत स्कूल 

सुवर्णा थोरात विज्ञान 100 97.82 सरस्वती विद्या निकेतन, विक्रोली 

सिद्धी तिर्लोटकर-मराठी 96 95.45 स्वामी विवेकानंद, डोंबिवली 

राहुल यादव हिन्दी 94 95.82 योगिराज कृष्ण विद्यालय , अंधेरी कुर्ला रोड 

मोनल संघवी अंग्रेजी 94 96.0 एक्विजिलियम कॉन्वेंट , वडाला 

अब्दुल शेख उर्दू 98 97.09 फारुख सत्तार हाईस्कूल , जोगेश्वरी 

कोमल वैती संस्कृत 100 96.91 कार्मेल कॉन्वेंट , विरार 

संभवी राऊत गणित 150 97.27 कार्मेलाइट कॉन्वेंट , वसई 

भूषण पाटील सामाजिक शास्त्र 100 97.64 केईएस विद्यालय , अलीबाग 

नाइट स्कूल : 

गोकुल इचाले सामाजिक शास्त्र 95 अशरफी देवी मराठी शाला , ठाणे 
(नवभारत टाइम्स,मुंबई,28.6.11)

छत्तीसगढ़ःपदोन्नति में आरक्षण का लाभ एक बार ही मिलेगा

Posted: 28 Jun 2011 09:14 AM PDT

मंत्रालय में विभिन्न वर्गो के लिए पदोन्नतियों के लिए मचे घमासान के बीच महाधिवक्ता दफ्तर ने साफ कर दिया है कि आरक्षण का लाभ केवल एक बार भर्ती के समय दिया जा सकता है। पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए शासन बाध्य नहीं है।

इस बारे में सामान्य प्रशासन विभाग ने 12 मई को महाधिवक्ता को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। जीएडी को महाधिवक्ता कार्यालय से 9 जून को जवाब मिल गया। जीएडी की बैठक में भी इस पर चर्चा की गई।

सूत्रों के अनुसार जीएडी ने सुझाव दिया है कि पदोन्नतियों के पूर्व में दी गई पदोन्नतियों व वर्तमान में प्रस्तावित पदोन्नतियों की समीक्षा करने एक कमेटी गठित कर ली जाए। बताया गया कि महाधिवक्ता दफ्तर ने परामर्श दिया है कि आरक्षण का लाभ बार-बार किसी कर्मचारी-अधिकारी को नहीं दिया जा सकता।

पदोन्नति के समय आरक्षित वर्ग के क्रीमीलेयर वाले अभ्यर्थियों को अलग करना अनिवार्य है। इस बारे में हाईकोर्ट के विभिन्न निर्णयों का उल्लेख भी परामर्श में किया गया है। इरीगेशन विभाग के आरसी द्विवेदी विरुद्ध शासन के प्रकरण का उल्लेख भी किया गया है। जीएडी से कहा गया है कि रोस्टर का गलत आशय लगाकर पदोन्नति देने से बचा जाए।

जीएडी के सूत्रों के अनुसार पिछले चार सालों में मंत्रालय में उप सचिव के पदों पर 100 प्रतिशत से अधिक पदों पर आरक्षित वर्ग के अवर सचिवों को पदोन्नति दे दी गईं। नियम है कि 39 प्रतिशत पदों पर आरक्षण का लाभ दिया जाना था।

इसी तरह अन्य संवर्गो में 70 प्रतिशत पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नति देने की शिकायत शासन से वंचितों ने की हैं। 
इन शिकायतों के निराकरण के लिए मुख्य सचिव पी. जॉय उम्मेन ने विधि विभाग से अभिमत लेने के निर्देश दिए थे। विधि विभाग ने 2008 में जारी नियमों का पालन पदोन्नतियों में करने अभिमत दिया था। इन सबके बावजूद विधि वेत्ताओं का मानना है कि उनका काम संबंधित पक्षों को आइना दिखना है। उनका परामर्श मानने कोई बाध्य नहीं है।

खास बातें

-जिस केटेगरी के पद रिक्त हैं उसी पर दी जा सकती है पदोन्नति

- गलत पदोन्नतियों को रिवर्ट करना पड़ सकता है

-नियम विरूद्ध पदोन्नति हुई तो शासन के खिलाफ कई याचिकाएं दायर होने की आशंका

-हक मारे से मंत्रालय में अधिकारियों-कर्मचारियों में खाई बढ़ रही

- वर्ग विशेष को बढ़ावा देने का माहौल बन रहा(दैनिक भास्कर,रायपुर,28.6.11)

डीयूःअब चूके तो मुश्किल होगी दाखिले की राह

Posted: 28 Jun 2011 09:12 AM PDT

डीयू में दाखिले के लिए जारी तीसरी कटऑफ भले ही एक अदद सीट पर दाखिले की आस में बैठे छात्र-छात्राओं के लिए राहत की खबर लाई हो, लेकिन चौथी कटऑफ में इतने ही अवसर उपलब्ध होने की आस लगाना ठीक न होगा।

दाखिला प्रक्रिया से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो भले ही इंजीनियरिंग व प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले की प्रक्रिया डीयू व अन्य विश्वविद्यालयों में शुरू हो रही हो, बावजूद इसके दाखिले रद्द होने की आस में चौथी कटऑफ का इंतजार करना अनुचित होगा। इसका कारण है तमाम पापुलर पाठ्यक्रमों में हुए ओवर एडमिशन का आंकड़ा। टॉप कॉलेजों की बात करें तो यहां तो कुछ पाठ्यक्रमों में दो गुने से लेकर पांच गुने तक दाखिले हो चुके हैं।

श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रिंसिपल डॉ. पीसी जैन ने बताया कि दाखिले की दौड़ में हर उस छात्र को अवसर दिया जा रहा है जो कटऑफ की जद में आता है। इसके कारण एक कटऑफ से दूसरी कटऑफ के बीच अवसर की आस लगाना ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि केवल इसी आस में हाथ आया मौका गंवाना अनुचित होगा, इसलिए छात्रों को मेरी सलाह है कि अब जहां भी मनमाफिक कोर्स में मौका मिले, वहीं दाखिला करा लेना चाहिए।


रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेन्द्र प्रसाद से जब चौथी कटऑफ में राहत के अवसर के विषय मे पूछा गया तो उनका कहना था कि दाखिलों के रद्द होने की प्रक्रिया, पहली से दूसरी और तीसरी कटऑफ में भी जारी रहेगी, लेकिन इसके आधार पर यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि दाखिले के अवसर बचेंगे ही। 
अगर दाखिले रद्द होंगे तो अगले चार दिनों में नए दाखिले भी होंगे। उन्होंने बताया कि कॉलेज में केमिस्ट्री ऑनर्स में 47 सीटों पर 289 दाखिले हुए हैं जो करीब पांच गुना से ज्यादा है। इसी तरह, सांख्यिकी ऑनर्स की 23 सीटों पर 113 दाखिले, फिजिक्स ऑनर्स की 47 सीटों पर 171 दाखिले, बीए प्रोग्राम की 56 सीटों 110 दाखिले और बीकॉम ऑनर्स में 50 सीटों पर 104 दाखिले हुए हैं। 

डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा ने बताया कि दाखिले की दौड़ में अब अवसर बहुत कम शेष रह गए हैं। कैम्पस कॉलेजों की बात करें तो भले ही यहां अभी भी कुछ कॉलेजों में बीकॉम ऑनर्स व इकोनॉमिक्स ऑनर्स में दाखिले के अवसर बाकी हैं, लेकिन कटऑफ में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आई है और आगे भी ऐसा हो पाना मुमकिन नहीं है। 

ऑफ कैम्पस कॉलेजों में भी लोकप्रिय कोर्सो में नो एंट्री का बोर्ड लग रहा है। इससे साफ है कि अब भी नहीं चेते तो दाखिला मुश्किल हो जाएगा। डॉ. टुटेजा ने बताया कि अब तो जहां मौका मिले दाखिला करा लें और फिर शिफ्टिंग की आस लगाएं। यदि सीट खाली हो तो चौथी कटऑफ में दाखिला करा लें।

आज से तीसरी कटऑफ के दाखिले

तीसरी कटऑफ में जगह बना चुके छात्रों के लिए दाखिला प्रक्रिया 28 जून मंगलवार से शुरू हो रही है और एक जुलाई शुकवार तक चलेगी। प्रात: कालीन कॉलेज में यह 10 बजे शुरू होकर एक बजे तक चलेगी, जबकि सांध्य कॉलेज में शाम चार बजे से सात बजे तक दाखिले होंगे। इसके बाद दो जुलाई को चौथी कटऑफ लिस्ट जारी की जाएगी(दैनिक भास्कर,दिल्ली,28.6.11)।

हिमाचलःरुक सकती है 563 शिक्षकों की पदोन्नति

Posted: 28 Jun 2011 09:09 AM PDT

शिक्षा विभाग में 563 शिक्षकों की पदोन्नति लटक सकती है। पदोन्नति की प्रक्रिया में यह व्यवधान शिक्षकों की एसीआर को समय पर पूरा न करने के कारण आ सकता है। इस समय एलिमेंटरी में 460 और हायर एजुकेशन में 103 शिक्षकों की एसीआर के अपडेट होने का विभाग को इंतजार है।

उल्लेखनीय है कि विभागीय स्तर पर किसी भी शिक्षक या गैर शिक्षक को तब तक पदोन्नत नहीं किया जाता, जब तक उसकी एसीआर अपडेट नहीं हो जाती। पिछले कुछ समय से यह देखने में आया है कि शिक्षा विभाग में न तो शिक्षकों और न ही गैर शिक्षकों की एसीआर समय पर अपडेट की गई है।

इससे विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया में व्यवधान आ रहा है। जहां तक शिक्षकों का सवाल है, तो वर्तमान में एसीआर पूरा करने के लिए बार-बार जिला उप निदेशकों को समय दिया जा रहा है।

एलिमेंटरी में 460 की एसीआर लटकी

एलिमेंटरी स्तर पर अब तक 460 टीजीटी शिक्षकों की एसीआर लटकी है। इसके लिए एलिमेंटरी निदेशालय ने सभी उप निदेशकों को पत्र लिखकर एसीआर कार्य को जल्द पूरा करने को कहा है, ताकि विभागीय स्तर पर पदोन्नति सहित अन्य प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। हायर एजुकेशन में 103 लेक्चरर की एसीआर अपडेट नहीं

एलिमेंटरी की तरह हायर एजुकेशन में 103 लेक्चरर के हैडमास्टर बनने की प्रक्रिया में महज इस कारण व्यवधान आ रहा है क्योंकि उनकी एसीआर अब तक पूरी नहीं हो पाई है।

इसके लिए हायर एजुकेशन के निदेशक डॉ. ओपी शर्मा ने सभी उप निदेशकों और सीनियर सेकंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल को पत्र लिखकर सात दिन के भीतर एसीआर पूरा करने का कहा है। यदि ऐसा नहीं होता, तो लेक्चररों के हैडमास्टर बनने में बाधा आ सकती है। विभागीय स्तर पर ऐसे लेक्चरर की सूची जारी कर दी गई है, जिनकी एसीआर अपडेट नहीं है।


शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान का कहना है कि एसीआर को अपडेट करना रूटीन का काम है। पदोन्नति के साथ-साथ अन्य कारणों से एसीआर अपडेट होती रहती है। विभागीय स्तर पर पेंडिंग एसीआर को जल्द अपडेट कर दिया जाएगा(कुलदीप शर्मा,दैनिक भास्कर,शिमला,28.6.11)।

हरियाणाःदसवीं का 11.24 और बारहवीं का परीक्षा परिणाम 31.77 प्रतिशत

Posted: 28 Jun 2011 09:08 AM PDT

हरियाणा ओपन स्कूल की सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी परीक्षाओं के पूर्ण विषय, सीटीपी व एसटीसी का परिणाम 28 जून को घोषित किया जाएगा।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव शेखर विद्यार्थी ने बताया कि सेकंडरी परीक्षा पूर्ण विषयों में 17, 868 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी और इनमें से 2,009 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। इनकी पास प्रतिशतता 11.24 रही। 5,372 लड़कियों में से 508 ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। लड़कियों की पास प्रतिशतता 9.45 रही। दूसरी ओर 12,496 लड़कों में से 1501 उत्तीर्ण हुए और इनकी पास प्रतिशतता 12.01 रही। ओपन स्कूल की सीनियर सेकंडरी परीक्षा में 28,753 परीक्षार्थी शामिल हुए और इनमें से 9,137 परीक्षार्थी उत्तीर्ण रहे हैं और इनकी पास प्रतिशतता 31.77 रही। 8,574 लड़कियों में से 3,400 ने यह परीक्षा पास की और उनकी पास प्रतिशतता 39.65 रही। 20,179 लड़कों में से 5,737 ने परीक्षा पास की है। पास प्रतिशतता 28.43 रही(दैनिक भास्कर,भिवानी,28.6.11)।

राजस्थान एसआई परीक्षा का परिणाम घोषित

Posted: 28 Jun 2011 09:07 AM PDT

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने पुलिस विभाग में एसआई भर्ती परीक्षा का परिणाम सोमवार देर रात घोषित कर दिया। परीक्षा में 46 हजार 802 अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए चयनित किया गया है। आयोग सचिव डॉ केके पाठक के मुताबिक 25 मई 2011 को आयोग ने एसआई परीक्षा आयोजित की थी। इसमें 1 लाख 77 हजार 577 अभ्यर्थी प्रविष्ट हुए थे। इनमें से 46 हजार 802 अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित किया गया है। डॉ पाठक के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों ने अलग-अलग पेपरों में प्रत्येक में 36 प्रतिशत और कुल पेपरों में 40 प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं, उन सभी को उत्तीर्ण घोषित किया गया है। इन सभी अभ्यर्थियों की अब पुलिस विभाग शारीरिक दक्षता जांच करेगा। इसमें चयनित होने वाले अभ्यर्थियों को आयोग साक्षात्कार के लिए बुलाएगा। परिणाम आयोग की वेबसाइट पर जारी किया गया है(दैनिक भास्कर,अजमेर,28.6.11)।

डीयूःकमाई का बड़ा जरिया है कॉलेजों में दाखिले का धंधा

Posted: 27 Jun 2011 11:29 PM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में कमाई के "पार्ट टाइम धंधे" अब खूब फल फूल रहे हैं। चाहे वह दाखिले का मौसम हो या परीक्षा का, बिचौलिए इसका जमकर फायदा उठाते हैं। आलम यह कि दो माह की कमाई पूरे साल घर बैठे खाने का इंतजाम करा देता है। इन्हें रोकने लिए विश्वविद्यालय के पास कोई ब़ड़ा तंत्र नहीं है। प्रशासन अगर एक रास्ता बंद करने की कोशिश करता है तो दूसरा खुल जाता है। यह सिलसिला वर्षों से जारी है।

दाखिले में पहले स्पोर्ट्स और ईसीए कोटा तो अब ओबीसी व एससी, एसटी कोटा के जरिए दाखिले कराने के लिए दलाल आगे आए हैं। कॉलेजों में पिछले दो साल से इस काम में तेजी आई है। स्पोर्ट्स में पिछले साल सेंट्रलाइज दाखिला प्रक्रिया अपनाए जाने के कारण दलालों की दाल नहीं गली। कुछ ने ईसीए कोटा का सहारा लिया था। हिन्दू कॉलेज में इसको लेकर खासा विवाद भी ख़ड़ा हो गया था। प्राचार्य ने बीच बचाव करके मामले को सुलझा लिया। स्पोर्ट्स कोटा में सर्टिफिकेट बनवाकर या ट्रायल मैनेज करके दाखिला दिलाने के धंधे पर लगाई गई लगाम से यह रास्ता अब काफी जोखिम भरा हो गया है। इस बार ७५ फीसदी अंक राष्ट्रीय व जोनल खेलों के सर्टिफिकेट के लिए रख दिए गये हैं। २५ फीसदी अंक सिर्फ ट्रायल के हैं। ईसीए के जरिए दाखिले का खेल अब भी कॉलेज शिक्षक व बिचौलिये की सांठगांठ से चल रहा है।

दाखिला दिलाने के कई हैं रास्ते

कॉलेजों में पैसा खिलाकर दाखिला पाने के कई रास्ते हैं। इनमें स्पोर्ट्स व ईसीए कोटा प्रमुख हैं। इनमें स्पोर्ट्स पर थो़ड़ी सख्ती हो गई है पर ईसीए का अब भी खुला है। दूसरा सबसे ब़ड़ा रास्ता अब आरक्षित सीटों पर दाखिले का है। इनमें एससी, एसटी व ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाकर दाखिला दिलवाने का है। एससी, एसटी का सेंट्रलाइज दाखिला होने के बावजूद दलाल सर्टिफिकेट के आधार पर दाखिला दिला देते हैं। सर्टिफिकेट बनवाकर दाखिला दिलाने के एवज में दो से पांच लाख ヒपये तक लिए जा रहे हैं। कॉलेजों में ओबीसी की २७ फीसदी सीटें ब़ढ़ने से यह काम और तेज हो गया है। पिछले दो साल में ओबीसी की काफी सीटें खाली रह गई थीं।

शहीद भगत सिंह कॉलेज में पिछले सत्र में फर्जी सर्टिफिकेट से १२ दाखिले हुए थे। प्रशासन इस पर देर से जागा और दाखिले रद्द करके अपनी इतिश्री कर ली। जो लोग शामिल थे उनकी धरपक़ड़ अबतक नहीं हुई। विश्वविद्यालय में इस तरह कई और कॉलेजों में भी मामला सामने आए हैं पर कार्रवाई का कोई ऐसा उदाहरण नहीं पेश किया गया है जिसके कारण दलालों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।

क्या कहते हैं प्राचार्य


हंसराज कॉलेज के प्राचार्य वीके क्वात्रा पिछले दिनों हुई धरपक़ड़ के बाद कहते हैं, ओबीसी कैटेगरी के छात्रों से अब माता पिता की जाति प्रमाणपत्र भी ली जाएगी। जिनके पास यह नहीं है उन्हें कुछ दिन का वक्त दिया जाएगा। मसलन स्थानीय ओबीसी छात्र को तीन दिन का और दूसरे राज्यों के छात्रों को सात दिन का। इस मोहलत के बाद भी छात्र प्रमाणपत्र नहीं लाते तो उनका दाखिला रद्द कर दिया जाएगा। हिन्दू कॉलेज के प्राचार्य वीके श्रीवास्तव कहते हैं, आरक्षित सीटों पर छात्रों को दाखिला प्रोविजन दिया जाता है। जब सर्टिफिकेट की जांच जारी करने वाले अधिकारी से विश्वविद्यालय द्वारा करा ली जाती है तो छात्र के दाखिले की पुष्टि होती है। ओबीसी में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस काम में चार से छह माह लग जाते हैं। इसे जल्द निपटाने के लिए प्रशासन को दाखिला से पहले विज्ञापन जारी कर छात्रों को यह सूचित किया जाना चाहिए कि अप्रैल व मई में प्रमाणपत्र बनवाने का काम कर लें। डा श्रीवास्तव के मुताबिक इस तरह का प्रस्ताव विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखा जाएगा। एसआरसीसी कॉलेज के प्राचार्य पीसी जैन ने बताया कि पिछले दिनों दलालों की धरपक़ड़ के बाद अब दूसरे छात्र यह हिम्मत नहीं कर पाएंगे। प्रशासन भी नजर रखेगा। उधर विश्वविद्यालय में एससी, एसटी सेल के प्रभारी रामदत्त कहते हैं, सर्टिफिकेट जारी करने वाले अधिकारी से प्रशाासन जांच कराता है। वक्त जरूर लगता है लेकिन फर्जीवा़ड़ा पक़ड़ा जाता है। यह पूछने पर कि ऐसे कितने मामले आए हैं ? उन्होंने बताया कि एकाध मामले आ जाते हैं।

परीक्षा पास कराओ

कॉपी जांचने व नम्बर ब़ढ़वाने के काम के लिए दलाल सक्रिय हैं। वे गुपचुप तरीके से इस काम को अंजाम देते हैं। इसके एवज में उन्हें अच्छा खासा पैसा भी मिलता है। इस काम में ऐसे शिक्षकों की भी मिलीभगत होती है जो कायदे कानून ताक पर रखकर थोक के भाव में कॉपी जांचने का काम करते हैं। विश्वविद्यालय ऐसे लोगों का एक संगठित गिरोह है जो प्रशासन से रोके नहीं रुक पा रहा है।

सेंटर पर नकल कराने का भी धंधा है चोखा

विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग का परीक्षा केन्द्र लेकर गर्मी में लाखों की कमाई जाती है। यह सब होता है नकल कराकर। स्कूलों में परीक्षा विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके सेंटर वाले और दलाल छात्रों से नकल करवाते हैं। छात्रों कमरे में नकल की छूट देने के एवज में प्रति पेपर २ हजार से ५ ヒपये तक देना होता है। पिछले दिनों पहा़ड़गंज के सर्वोदय बाल विद्यालय में ऐसा ही रैकेट पक़ड़ा गया था। इससे पहले भी कई मामले सामने आए हैं। लेकिन खास बात यह कि विश्वविद्यालय प्रशासन या परीक्षा विभाग इसे रोकने के लिए अबतक सख्त कदम नहीं उठा पाया है(अनुपम कुमार,नई दुनिया,दिल्ली,28.6.11)

सीबीएसई प्रोफिशिएंसी टेस्ट 678 केंद्रों पर

Posted: 27 Jun 2011 10:30 PM PDT

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का दसवीं कक्षा के लिए होने वाले प्रोफीशियंसी टेस्ट देशभर के ६७८ केंद्रों पर होगा। टेस्ट में हिस्सा लेने वाले छात्रों को बोर्ड की ओर से सर्टिफिकेट दिया जाएगा। बोर्ड ने अपनी वेबसाइट में टेस्ट से जुड़ी विस्तृत जानकारी दे दी है।

दसवीं के छात्रों का प्रोफीशियंसी टेस्ट ४ जुलाई से शुरू हो रहे हैं। ४ जुलाई को छात्रों को गणित, ५ को हिंदी, ६ को विज्ञान, ७ को सामाजिक विज्ञान और ८ को अंग्रजी का पेपर है। इस टेस्ट का प्रश्नपत्र १०० अंकों का होगा। टेस्ट सुबह साढ़े दस बजे से दोपहर एक बजे तक होंगे।


पेपर में मल्टीपल च्वाइस के प्रश्न होंगे। टेस्ट से संबंधित सभी जरूरी दिशा-निर्देश, सैम्पल प्रश्न, व सूचना सीबीएसई की वेबसाइट में दी हुई है। टेस्ट में बैठने के लिए सीबीएसई एडमिट कार्ड जारी करेगा जो कि स्कूल में भेज दिया जाएगा। छात्रों को दसवीं बोर्ड के रोलनंबरर ही दिए जाएंगे। टेस्ट नौवीं और दसवीं कक्षा के सिलेबस के आधार पर होगा। सभी परीक्षा केंद्रों में अधीक्षक होंगे जो कि पूरी परीक्षा पर नियंत्रण रखेंगे(नई दुनिया,दिल्ली,28.6.11)।

डीयूःएससी-एसटी की दूसरी लिस्ट जारी, दाखिले आज से

Posted: 27 Jun 2011 10:00 PM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति, जनजाति व विकलांग वर्ग में दाखिले की दूसरी लिस्ट सोमवार को जारी कर दी गई। इसके आधार पर मंगलवार से दाखिले शुरू होंगे। सफल उम्मीदवारों की लिस्ट विवि की वेबसाइट पर है। इसके अलावा इसे उत्तरी परिसर में आर्ट्स फैकल्टी पर भी लगाया गया है।

दूसरी लिस्ट में २८६५ अनुसूचित जाति, ४८६ अनुसूचित जनजाति और ८२ विकलांग वर्ग के छात्र शामिल हैं। इन्हें मेरिट के आधार पर सीटें आवंटित की गई हैं। जिन छात्रों के नाम लिस्ट में आ गये हैं उन्हे



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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