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Saturday, February 28, 2015

कंपनियों और अमीरों के लिए अरबों डालर का वारा न्यारा ऐसा बना लीक हुआ बजट हमारा खाली हाथ,खाली पेट,बजरंगियों तालियों पीटकर विकास प्रवचन के मुताबिक जीने मरने का सबक बूझ लो बजट समझने से पहले, आयकर दरों में नया छूट न मिलने और बचत के नये छूट के मुताबिक जरुरी बचत का हिसाब जोड़ने से पहले हिसाब लगायें कि जो आर्थिक समीक्षा के बाद शेयर सूचकांक तीसहजारी दौड़ लगा रहा है,जो कारपोरेट कहें मुताबिक विकास का फंडा है,जो पीपीपी माध्यमें विकास के लिए जनता की जमा पूंजी बाजार में झोकने की तैयारी है,जो जीएसटी डीटीसी लागू है,जो नया टैक्स स्ट्रक्चर है,उसके मद्दे नजर सीमा शुल्क में कमी, पांच फीसद कारपोरेट टैक्स में कमी, विदेशी निवेश का सरलीकरण,पीएफ न जमा करने का विकल्प,स्वच्छता फंड के जरिये कालाधन सफेद करने का राजमार्ग,कुड़ंनकुलम में एक और परमाणु बिजलीघर,पीपीपी के तहत पांच नये सुपर बिजली घर,विकास का रोड मैप और वेल्थ टैक्स खत्म करके महज दो फीसद का टैक्स अमीरों पर लगाने से खितने कितने अरब डालर का न्यारा वारा हो गया। पलाश विश्वास


कंपनियों और अमीरों के लिए अरबों डालर का वारा न्यारा
ऐसा बना लीक हुआ बजट हमारा
खाली हाथ,खाली पेट,बजरंगियों तालियों पीटकर विकास प्रवचन के मुताबिक जीने मरने का सबक बूझ लो
बजट समझने से पहले, आयकर दरों में नया छूट न मिलने और बचत के नये छूट के मुताबिक जरुरी बचत का हिसाब जोड़ने से पहले हिसाब लगायें कि जो आर्थिक समीक्षा के बाद शेयर सूचकांक तीसहजारी दौड़ लगा रहा है,जो कारपोरेट कहें मुताबिक विकास का फंडा है,जो पीपीपी माध्यमें विकास के लिए जनता की जमा पूंजी बाजार में झोकने की तैयारी है,जो जीएसटी डीटीसी लागू है,जो नया टैक्स स्ट्रक्चर है,उसके मद्दे नजर सीमा शुल्क में कमी, पांच फीसद कारपोरेट टैक्स में कमी, विदेशी निवेश का सरलीकरण,पीएफ न जमा करने का विकल्प,स्वच्छता फंड के जरिये कालाधन सफेद करने का राजमार्ग,कुड़ंनकुलम में एक और परमाणु बिजलीघर,पीपीपी के तहत पांच नये सुपर बिजली घर,विकास का रोड मैप और वेल्थ टैक्स खत्म करके महज दो फीसद का टैक्स अमीरों पर लगाने से खितने कितने अरब डालर का न्यारा वारा हो गया।
पलाश विश्वास
बजट पर कारपोरेट पर फिर मेहरबानी: कारपोरेट टैक्स 30 फिसदी से घटाकर 25 फिसदी किया, सर्विस टैक्स 12.36 फिसदी से बढ़ाकर 15 फिसदी कर दिए जाने से आम आदमी की गर चीज हुई महंगी....
मध्यम वर्ग की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए वित्त मंत्री ने आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं किया। व्यक्तिगत आयकर में प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये तक छूट जारी रहेगा। दूसरी तरफ एक करोड़ से ज्यादा की आय वालों को दो फीसदी सरचार्ज देना होगा। दूसरी ओर जेटली ने स्वास्थ्य बीमा पर अवश्य टैक्स छूट 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने की घोषणा की, जबकि बुजुर्गों के लिए यह छूट 30 हजार होगी। बजट में कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद करने का प्रस्ताव रखा गया है, जो अगले चार साल में लागू होगा। साथ ही सेवा कर को 12.36 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद करने का प्रस्ताव है। इससे रेस्टोरेंट का खाना, हवाई यात्रा, फोन बिल, घर खरीदना, केबल टीवी, वाई-फाई आदि महंगा हो जाएगा।
'बजट पर कारपोरेट पर फिर मेहरबानी: कारपोरेट टैक्स 30  फिसदी से घटाकर 25  फिसदी किया, सर्विस टैक्स 12.36 फिसदी से बढ़ाकर 15 फिसदी कर दिए जाने से आम आदमी की गर चीज हुई महंगी....'


अजब गजब माहौल है इस देश में।

मोहन यानी हिंंदी के कवि चिंतक कपिलेश भोज गुरुजी ताराचंद्र त्रिपाठी  के घर में मेरे साथ थे।

हम तब बीए प्रीवियस के छात्र थे।गुरुजी ने हमें जीआईसी  में दीक्षा देना शुरु किया था  और उनके फरमान के मुताबिक दुनियाभर का साहित्य और विचारधाराओं से हम निबट रहे थे।

गिरदा से अभी अभी दोस्ती हो रही थी।पुस्तकालयों में किताबें इनडेंट करके सबसे पहले पढ़ना हमारे लिए सबसे बड़ा मनोरंजन था  और हमारा सपना तब कुछ हासिल करने के बजाय देश और सामज को बदलने का था।हम दोनों तब कविताएं थोक लिख रहे थे।गिरदा के गीतों में बहारे कम थीं,दावानल था बहुत ज्यादा।समां यह था।

गिरदा,भोज और मैं रोजाना तरह तरह की फिल्में देखते थे।
हम लोग पढ़ते थे और मालरोड अपडाउन चौबीसों घंटे करते थे गिरदा के साथ बहस करने में ।
गिरदा पढ़ने की फुरसत कम निकाल पाते थे और परफर्म करने में यकीन करते थे कि जैसे जेनुइन रंग कर्म होता है,वैसे ही थे हमारे गिराबल्लभ।
शेखर,उमा भाभी और राजीवदाज्यू तबसे हमारे अघोषित अभिभावक थे।

हम तीनों फटीचर थे।
लगातार हम रात जाग सकते थे।
कभी भी कहीं भी बिन पैसे झोला उठाकर निकल सकते थे।
खुली आंखें सपना देख सकते थे।
हिमपात या बरसात या बाढ़ या भूस्खलन के मध्य चहलकदमी हमारा योगाभ्यास था।
गिरदा का डेरा अशोक जलपानगृह था,जहां बंद मक्खन खाकर हमें लंबी लड़ाई की योजनाएं बनाने की लत लग गयी ठैरी।
फटीचर तीनों थे।
उबले अंडे,पावरोटी और कुम्हडा़उबाल कर काली चाय के साथ हफ्तों हम गुजार सकते थे।

फिल्म देखने के लिए पैसे जरुरी थे।
जो होते नहीं थे।
मोहन और मैं इस वास्ते कही भी किसी को भी पकड़कर टैक्स वसूली कर लेते थे।
कोई नहीं मिलातो बहस में उलझाकर पवन राकेश को उसकी किराने की दुकान के गल्ले से सिनेमा का टिकट निकालने का ट्रंप कार्ड हमेशा हमारे पास था।

हम लोग मनोरंजन के लिए लेकिन फिल्म नहीं देखते थे।
फिल्म चाहे कैसी हो,हम लोग उसमें रोजाना भारत दर्शन करते हुए उस कथा में जनता की हिस्सेदारी की चीरफाड़ करते थे।
वाहियात हुई फिल्म तो पहले सीन के बाद हम लोग हाल से बाहर निकल जाते थे।

दर्शकों की क्रिया प्रतिक्रिया पर हमारी खास खोजी नजर होती थी।सबसे मजा आता था,निर्णायक क्षणों में जब हीरो सारे हालात बदल दें और जनता जनार्दन तालियां पीटती तमाशबीन बनी रहे।

गिरदा कहते थे,ऐसे जनता जनार्दन पर थूः
गिरदा कहते थे ऐसी आम जनता पर थूंः जो महज तमाशबीन है।

सिनेमा में जो हो रहा है या होता है,हूबहू वैसा ही हो रहा है।
सिनेमा में लोकेशन अब विदेश है।
सीरियल भी विदेश है।
सिर्फ स्वदेशी चेहरे हैंं।

जैसा विशुद्ध गोमूत्र है।
जैसा गीता महोत्सव वैज्ञानिक चमत्कार और तकनीकी विकास थ्रीजी फोर जी फाइव जी हुआ जा रहा है ग्लोबल योगाभ्यास।
जैसा केसरिया बजरंगी विशुद्ध हिंदुत्व है वैसा ही केसरिया कारपोरेट मुक्त बाजार है।
जैसा संघ परिवार का राष्ट्रवाद विशुद्ध हिंदुत्व है और देश बेचो एजंडा धर्मांतरण शत प्रतिशत हिंदुत्व का अश्वमेधी राजसूय वायव्रेंट गुजरात।
वैसा ही यह विशुद्ध मेकिंग इन अमेरिकी उपनिवेश।

कोई सामाजिक यथार्थ नहीं है।
उसीकी जैविक फसल साहित्य,पत्रकारिता और तमाम विधाओं में लहलहाती है जहां इस देश की गोबर माटी की कोई सुगंध नहीं है।
जहां न गांव है और न देहात है।
चकाचौंध और जश्न है।
जैसे कि बजटमध्ये वर्डकप कार्निवाल का आंखों देखा हाल है।
वैसे ही लीक बजटमद्य़हिंदू राष्ट्र महाश्मशान है।

वैसा ही है यह मृत्यु उपत्यका नहीं देश मेरा।
/নবারুন ভট্টাচার্য/ জন্ম : ১৯৪৮-এ, বহরমপুরে | বিজন ভট্টাচার্য ও মহাশ্বেতা দেবীর একমাত্র সন্তান নবারুন ভট্টাচার্য | পড়াশোনা...


कल हमने लिखा थाः

बजट- पेश होना है जनसंहार की नीतियों का कारपोरेट दस्तावेज


इस पर आखिरकार एक अदद प्रतिक्रिया हस्तक्षेप पर टंग गयी है।

Dr.Ashok Kumar Tiwari

3 minutes ago  -  Shared publicly
अम्बानी के एजेंट मोदी प्राइम मिनिस्टर बन गए हैं - मुकेश अम्बानी देशवासियों के शरीर पर लंगोटी भी नहीं रहने देंगे ! और सब लेकर स्विटजर्लैंड भाग जाएगा !! अभी भी सम्हल जाओ नीचे से ऊपर तक सबको रिलायंस ने खरीदा हुआ है तभी तो नीरा राडिया टेप मामले पर न्यायालय भी चुप है !!!  ऐसे ही देशद्रोहियों मैं लड़ रहा हूँ ! मोदी के घनिष्ठ मित्र अम्बानी के रिलायंस टाउनशिप जामनगर (गुजरात )  के बारे में आप जानते नहीं हो - वहाँ आए दिन लोग आत्महत्याएँ कर रहे हैं ! उनकी लाश तक गायब कर दी जाती है या बनावटी दुर्घटना दिखाया जाता है और इस अन्याय में कांग्रेस-बी.जे.पी.मोदी बराबर के जिम्मेदार हैं --- इन सब का विनाश होना ही चाहिए ------क्योंकि ये सभी आँखें बंद करके रिलायंस के जघन्य अपराधों को मौन स्वीकृति दे रहे हैं ----- इन बातों की जरा भी आहट लग जाती तो मैं अपनी परमानेंट डी०ए०वी० की नौकरी छोड़कर यहाँ नहीं आता, मेरी पत्नी सेल की सरकारी नौकरी छोड़कर यहाँ नहीं आतीं इसलिए हम चाहते हैं कि नौकरी के लालच में इन लोगों के झांसे में कोई और न फंसे और ये बताना धर्म और ईमान का काम है विशेषकर मीडिया पर्सनल की ये जिम्मेदारी भी है पर रिलायंस के आगे सब चुप हैं, रिलायंस वाले कहते भी हैं हम सबको ख़रीदे हुए हैं, आए दिन वहां लोग आत्महत्याएं करते हैं पर पैसे की महिमा ..सब शांत रहता है, गरीब को जीने का जैसे हक़ ही नहीं है ५) मैंने कई पत्र स्थानीय थाने के इंचार्ज से लेकर मुख्यमंत्री गुजरात तक को लिखा है - बी.जे.पी. के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह, महामहिम राज्यपाल गुजरात, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति महोदया के यहाँ से चीफ सेक्रेटरी गुजरात को पत्र भी आया है पर वे उसे दबाकर बैठे हैं, गुजरात में सब रिलायंस की हराम की कमाई डकार कर सो रहे हैं इसलिए मैं आप लोगों की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहा हूँ । मदद करो मित्र !! ये हिंदी और हिदुस्तान की अस्मिता का सवाल है !!!

बजट पेश हो चुका है जो जैसा मैंने राष्ट्रपति के अभिभाषण, आंकड़ों, परिभाषाओं, पैमानों,आधार वर्ष में परिवर्तन,उत्पादन प्रणाली के ताजा हाल,तेल कीमतों,सीआईआई और फिक्की के बयानों, प्रधानमंत्री के सबकुछ साध लेने के करिश्मे ,फेंस के इधर उधर होते क्षत्रपों की गतिविधियों,डाउकैमिकल्स और मनसेंटो के उद्गारों,बगुला जममात के विश्लेषणों और मिलियनर बिलियनर जमात में संसदीय सहमति के रंगकर्म और लीक हुए बजट दस्तावेजों केमद्देनजर कारपोरेट लाबिइंग और कारपोरेट फंडिंग,मीडिया हाइप,विकास दर बवंडर,आर्थिक समीक्षा,सेनसेक्स मे सांढ़ों की उछलकूद और विदेशी निवेशकोें के दबाव तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद मानकर चला था कि रेलबजट की तरह यह बजट भी राजनेताओं,मीडिया और जनता को कारपोरेटफाइन प्रिंट की लाख वाट रोशनी के आर्क लाइट से मंत्रमुग्ध कर देगा और खूब तालियां पीटेंगी जैसा कि फिल्मों में चरमोत्कर्ष पर दर्सकों की आम प्रतिक्रिया होती है,हूबहू वैसा ही हुआ है।

बजट पर चर्चा से पहले इस परिदृश्य को समझना बहुत जरुरी है।
क्योंकि हिंदुस्तानी तमाम बस्तियां उखाड़ी जा रही है और देश हमारा विदेश हुआ जा रहा है।उखड़े और उजाड़े जाने वाले,मारे जाने वाले हिंदुस्तानियों और हमारे बीच खून से लबालब एक समुंदर है।उस समुंदर केबीचोंबीच खड़े होने के बावजूद खून का कोई छींटा हमें स्पर्श नहीं कर रहा है।

बजट समझने से पहले, आयकर दरों में नया छूट न मिलने और बचत के नये छूट के मुताबिक जरुरी बचत का हिसाब जोड़ने से पहले हिसाब लगायें कि जो आर्थिक समीक्षा के बाद शेयर सूचकांक तीसहजारी दौड़ लगा रहा है,जो कारपोरेट कहें मुताबिक विकास का फंडा है,जो पीपीपी माध्यमें विकास के लिए जनता की जमा पूंजी बाजार में झोकने की तैयारी है,जो जीएसटी डीटीसी लागू है,जो नया टैक्स स्ट्रक्चर है,उसके मद्दे नजर सीमा शुल्क में कमी, पांच फीसद कारपोरेट टैक्स में कमी, विदेशी निवेश का सरलीकरण,पीएफ न जमा करने का विकल्प,स्वच्छता फंड के जरिये कालाधन सफेद करने का राजमार्ग,कुड़ंनकुलम में एक और परमाणु बिजलीघर,पीपीपी के तहत पांच नये सुपर बिजली घर,विकास का रोड मैप और वेल्थ टैक्स खत्म करके महज दो फीसद का टैक्स अमीरों पर लगाने से खितने कितने अरब डालर का न्यारा वारा हो गया।

Satyendra Ps
बजट भाषण हिंदी में क्यों नहीं होता?
बड़ा आसान सा उत्तर है। कारपोरेट टैक्स 5 % घटा देंगे, व्यक्तिगत आयकर में एक्को चवन्नी नहीं छोड़ेंगे और जूता सस्ता कर देंगे तो बवाल मच जाएगा। सर बचाना मुश्किल होगा, क्योकि पब्लिक समझ जाएगी कि आप किसके साथ हैं!
राजीव नयन बहुगुणा की दो टुक टिप्पणी हैः
कमर तोड़ बजट
हमारे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दो-टूक कह दिया है कि मिडल क्लास अपना ख्याल खुद रखे। फोटो पर क्लिक करके पढ़िए पूरी खबर...
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करने के बाद...


बहरहाल डाउ कैमिकल्स लीक बजट पेश करके अपनी पीठ ठोंक रहे हैं और जमकर वकालत कर रहे हैं कि बचत करें।बचत करने की हालत में हों या नहीं,लेकिन बचत जरुर करें कि इससे आपका भविष्य संवरेगा।देश का निर्माण भी होगा।

डाउ कैमिकल्स कह रहे हैं कि वे समाज को उपभोक्ता वादी नहीं बना रहे हैं और बचत बढ़ाकर देश निर्माण कर रहे हैं।जाहिर सी बात है जैसे कि रियाटर अठावन पर हो जाये और और पेंशन साठ से लें।तबतक पेट पर पत्थर डाकर जिंदा रहें तो मिल ही जायेगा पेंशन।जैसे ईपीएफ और पेंसन योजना चुनने के विकल्प हैं।जैसे आपश्न है कि आप पीएप का अंशदान चाहे तो बंद कर दें। जैसे कि रेलभाड़ा बढ़ा नहीं है,टिकटआनलाइन मिलेंगे और आनलाइन टिकटमंहगा हो गया लेकिन यात्री किराया बढ़ाया नहीं है।मुद्रास्पीति शू्न्य है और मालभाड़ा बढ़ाकर विकास के दरवज्जे खोलकर अनाज से लेकर बिजली तक सबकुछ महंगा है।
डाउ कैमिकल्स बोल नहीं रहे हैं,लेकिन वे दरअसल कह रहे हैं कि बचत करों कि सरकार कारपोरेट विकास के साझा पीपीपी उपक्रमों में आपका बचत कारपोरेटमुनाफे के लिए निवेश करें और यूनिटलिंक बीमा बन जाये आपी बचत।
हमारे एक जिद्दी मित्र हैं जो नोबेल पुरस्कार को सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा मानते हैं।जो मानते हैं कि अर्थशास्त्र का कोई नोबेल नहीं है।वे किताबें लिख चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ रहे हैं।वे परमाणु वैज्ञानिक हैं और एलएलएम हैं।उनका कहा है कि बचत का यह फंडा फर्जीवाड़ा है।
हमारी मानें तो यह बजट शारदा फर्जीवाड़ा का हिंदुत्व संस्करण है।
कल हमने लिखा कि अफसोस के साथ लिखना पढ़ रहा है कि चूंकि बजट सीधे तौर पर कारपोरेट दस्तावेज हैं जिसे कारपोरेट के सबसे विशेषज्ञ दक्ष लोगों ने तैयार किया है तो या तो लोग बजट समझ नहीं रहे हैं या फिर जानबूझकर असलियत बताने के सिवाय आम जनता को गुमराह कर रहे हैं।

गौरतलब है कि हिंदी पत्रकारिता के हालिया सबसे बड़े आइकन,जो संजोग से बंद होने से पहले तक मुंबई जनसत्ता में थे,बजट पेश होने से पहले सीआईआई और फिक्की के मुखातिब थे,जो बार बार विकास और सुधार की अनिवार्यता का हवाला देते हुए निर्माण विनिर्माण के लिए रियायतें,सहूलियतें और देशी विदेशी पूंजी के लिए निवेश का माहौल मांग रहे थे,उनसे सीधे तौर पर पूछ लिया उनने कि क्या कारपोरेट ही देश चला रहा है और सरकार बिचौलिया है जो जनता से छीनकर कारपोरेट के हवाले कर रही है साराकुछ।

हम उनके सवाल से बाग बाग हो गये।अमलेंदु के साथ बजटविमर्श में हमने खुशी भी जताई कि चलो मीडिया जनता के साथ असलियत साझा भी करने लगा है।

बजट पेश होने के बाद फिर वही एंकर,वही चैनल और पैनल बहुरंगी ,बहुआयामी,सुर लेकिन एक ही है कि वाह,अद्भुत सुंदर अभूतपूर्व बजट है।बजट नहीं सोच है।विकास के रास्ते पर देश है।मीडिया के तमामो बाइट एक ही सुर बंधे हैं।अब फिर सोने की चिड़िया है भारत।
जबकि असल में हुआ वही है,जो एंकर जी सुबह सुबह पूछ रहे थे लेकिन अब उस सवाल का अता पता नहीं है।
कवि शिरीष अनुनाद का मंतव्य हैः
शिरीष अनुनाद
हैरत की बात नहीं। पद का नाम प्रधान सेवक तय होने के बाद सेवाकर तो बढ़ना ही था। इसके अलावा पाव भर दूध दिया गया है कि जनता जनार्दन जाओ इसे औटाओ, खोया बनाओ, उसकी ख़ूब सारी गुझिया खाओ। जनगणमंगलकारी समय शुरू होता है अब। अमृत वर्षा 2022 में होगी। तब तक रंग बरसे.........
हम सरकार हैं तो क्या हुआ, हम भी कहेंगे - होsssली है !
आम बजट: इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं, सर्विस टैक्स अब बढ़कर हुआ 14 फीसदी
पूरे देश की निगाहें इस वक्त मोदी सरकार के पहले आम बजट पर टिकी हुई हैं. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में साल 2015-16 का आम बजट पेश कर दिया.  बजट की अहम बातें इस तरह हैं..
आम बजट की एक खास बात यह है कि इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. टैक्स चोरी करने पर 10 साल तक की जेल हो सकती है. टैक्स में चोरी पर कालेधन से जुड़े नियमों के तहत सजा का प्रावधान किया जाएगा. कालेधन को लेकर नया कानून लाया जाएगा.
अरुण जेटली ने कहा कि कालेधन पर रोक के लिए रुपयों के नकद लेन-देने को सीमित करने की जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि हमने भ्रष्टाचार राज को पीछे छोड़ दिया है. सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार रोकने का सिस्टम बनाया जाएगा. आम बजट 2015-16: ये हुआ हमारे लिए सस्ता

आम बजट 2015-16 का सारांश
मनरेगा के लिए 34,699 करोड़ रुपये का आरंभिक आवंटन
मध्यम वर्ग के करदाताओं को रियायतों का तोहफा
घरेलू विनिर्माण एवं 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहन के जरिए रोजगारों का सृजन
स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि में अंशदान पर 100 फीसदी कटौती
केंद्र प्रायोजित 8 योजनाओं को केंद्रीय सहायता से मुक्‍त किया गया
24 योजनाएं परिवर्तित हिस्‍सेदारी के साथ चलाई जाएंगी जबकि 31 योजनाओं को सरकार से पूरी सहायता मिलेगी
देशभर में फैले डाक नेटवर्क का उपयोग औपचारिक वित्‍तीय प्रणाली तक पहुंच बढ़ाने के लिए किया जाएगा
सुकन्‍या समृद्धि खाता योजना के तहत बालिकाओं के लिए धारा-80सी के तहत कर लाभ
बुनियादी ढांचे में निवेश 70,000 करोड़ रुपये बढ़ापांच नई अल्‍ट्रा मेगा पावर परियोजनाएं स्‍थापित होंगी
कुडानकुलम नाभिकीय बिजली स्‍टेशन की दूसरी इकाई 2015-16 में शुरू होगी
बजट संभाषण में सरकार की प्राथमिकताओं में प्राकृतिक संसाधनों का प्रभावी और अधिकतम आवंटन और वित्‍तीय समावेषण शामिल
इनकम टैक्स स्लैब और कंपनियों के आयकर दर में कोई बदलाव नहीं
2015-16 का आम बजट पेश करते हुए व्‍यक्तिगत आयकर की दर में कोई बदलाव न किए जाने का प्रस्‍ताव किया है। अपनी बजटीय घोषणा में उन्‍होंने कहा कि वित्‍त वर्ष 2015-16 में अर्जित आय के संदर्भ में कंपनियों के कर में भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा और यह वर्ष 2016-17 के लिए भी लागू होगी।
हालाकि वित्‍त मंत्री ने एक करोड़ से अधिक की आय वाले व्‍यक्तियों, एचयूएफ, एओपी, बीओई, फर्मों, कॉओपरेटिव सोसाइटियों और स्‍थानीय प्राधिकरणों पर 12 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाने का प्रस्‍ताव किया है। एक करोड़ से लेकर 10 करोड़ तक की आय वाली घरेलू कंपनियों के मामले में 7 प्रतिशत और 10 करोड़ से ज्‍यादा की आय वाली घरेलू कंपनियों पर 12 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया गया है।
अरुण जेटली ने आगे प्रस्‍ताव करते हुए कहा कि एक करोड़ से 10 करोड़ तक की आय वाली विदेशी कंपनी के मामले में अधिभार दो प्रतिशत की दर से यथावथ रहेगा और 10 करोड़ से ज्‍यादा आय वाली विदेशी कंपनियों पर पांच प्रतिशत की दर से अधिभार जारी रहेगा।
सार्वभौमिक गुणवत्‍ता आधारित शिक्षा प्रदान और वित्‍त पोषित करने की सरकार की वचनबद्धता को पूर्ण करने के लिए सभी करदाताओं के लिए वित्‍त वर्ष 2015-16 में आयकर पर 2 प्रतिशत की दर से शिक्षा उपकर और कर पर माध्‍यमिक एवं उच्‍चतर शिक्षा उपकर पर 1 प्रतिशत कर अतिरिक्‍त प्रभार लगाने का प्रस्‍ताव किया गया है।
मनरेगा के लिए 34,699 करोड़ रुपये का आरंभिक आवंटन
केंद्रीय वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में केंद्रीय बजट  2015-16 प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि सरकार मनरेगा के जरिए रोजगार में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी गरीब रोजगार के बगैर न रह जाए। वित्‍तमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए 34,699 करोड़ रुपये का आरंभिक आवंटन किया गया है। उन्‍होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत कार्यों की गुणवत्‍ता और प्रभावशीलता में सुधार लाने पर ध्‍यान दिया जाएगा।
मध्यम वर्ग के करदाताओं को रियायतों का तोहफा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में दिए अपने बजट भाषण में विभिन्न कर रियायतों एवं प्रोत्साहनों को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव किया, ताकि कर विवादों में कमी आ सके और कर प्रशासन बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि बचत को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के मामले में इसे 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
बजट में यह भी प्रस्ताव है कि अत्यंत वरिष्ठ नागरिक के मामले में निर्दिष्ट बीमारियों के कारण होने वाले खर्चों पर कटौती की सीमा 60,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये कर दी जाए।  बजट में एक प्रस्ताव यह भी कि आश्रित विकलांग व्यक्ति के चिकित्सा उपचार सहित देखभाल के संबंध में कटौती की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी जाए। इसके साथ ही गंभीर विकलांगता की दशा में कटौती की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव बजट में किया गया है।  बजट में एक प्रस्ताव यह है कि 'सुकन्या समृद्धि योजना' में किए जाने वाले निवेश पर धारा 80सी के तहत रियायत मिलेगी तथा इस योजना के तहत किए जाने वाले किसी भी भुगतान पर कर नहीं लगेगा।
बजट में एक प्रस्ताव यह है कि नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी द्वारा किए जाने वाले अंशदान के कारण कटौती की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दी जाए। नई पेंशन स्कीम में किए गए अंशदान के संबंध में 1.50 लाख रुपये की सीमा के अलावा 50,000 रुपये की कटौती प्रदान करने का भी प्रस्ताव बजट में है।
  •   कर में कटौती का ब्यौरा कुछ इस प्रकार हैः
  • ·     धारा 80सी के तहत कटौती                                     1,50,000 रुपये
  • ·     धारा 80सीसीडी के तहत कटौती                                50,000 रुपये
  • ·     आवास (स्व-अधिकृत) ऋण के ब्याज पर कटौती        2,00,000 रुपये
  • ·     स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर धारा 80डी के तहत कटौती 25,000 रुपये
  • ·     परिवहन भत्ते पर छूट                                             19,200 रुपये
  • कुल                                                                               4,44,200 रुपये
घरेलू विनिर्माण एवं 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहन के जरिए रोजगारों का सृजन
बड़ी संख्या में रोजगारों के सृजन हेतु घरेलू विनिर्माण एवं 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में पेश आम बजट 2015-16 में सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क में अनेक रियायतों की घोषणा की।
स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि में अंशदान कर 100 फीसदी कटौती
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आज पेश आम बजट में स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि के बारे में एक अहम प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत स्वच्छ भारत कोष (निवासी और अनिवासी दोनों द्वारा) और स्वच्छ गंगा निधि (निवासी द्वारा) में दिए गए दान (कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार किए गए सीएसआर अंशदान को छोड़कर) आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत 100 फीसदी कटौती के पात्र होंगे।
रोजगार सृजन के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए में संशोधन का प्रस्‍ताव
आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्‍ताव, न्‍यूनतम 100 मजदूरों की पात्रता को घटाकर 50 मजदूर करने का प्रस्‍ताव
स्‍वच्‍छ भारत कोष की स्‍थापना
स्‍वच्‍छ भारत कोष और स्‍वच्‍छ गंगा निधि के महत्‍व पर विचार करते हुए अधिनियम की धारा 10 (23 ग) में संशोधन का प्रस्‍ताव है, जिससे स्‍वच्‍छ भारत कोष और स्‍वच्‍छ गंगा निधि की आय को आयकर से छूट दी जा सके। ये संशोधन 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी होंगे।
विश्‍व सांस्‍कृतिक धरोहर स्‍थलों का जीर्णोंद्धार किया जाएगा
निम्‍नलिखित धरोहर स्‍थलों पर काम शुरू करने के लिए संसाधन उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव किया है:
1- पुराने गोवा के गिरिजाघरों और कॉन्‍वेन्‍टस
2-   हम्‍पी, कर्नाटक
3-   कुम्‍भलगढ़ और राजस्‍थान के अन्‍य किले
4-   रानी की वाव, पाटन, गुजरात
5-   लेह पैलेस, लद्दाख, जम्‍मू-कश्‍मीर
6. वाराणसी मंदिर शहर, उत्‍तर प्रदेश
7. जलियांवाला बाग, अमृतसर पंजाब
8. कुतुबशाही मकबरा, हैदराबाद, तेलंगानाश्री जेटली ने 43 देशों के यात्रियों को आगमन पर वीजा देने की सुविधा की सफलता के बाद  150 देशों के यात्रियों को यह सुविधा देने का प्रस्‍ताव किया है।
क्षेत्र तटस्‍थ वित्‍तीय शिकायत निवारण एजेंसी गठित करने के लिए कार्यबल का गठन किया जाएगा
सरकार को भारतीय वित्‍तीय कोड (आईएफसी) के बारे में बड़ी संख्‍या में सुझाव प्राप्‍त हुए हैं जिसकी समीक्षा वर्तमान में न्‍यायमूर्ति श्री कृष्‍णा कमेटी द्वारा की जा रही है। वित्‍त मंत्री ने आशा व्‍यक्‍त की आने वाले समय में वे विचार-विमर्श के लिए संसद में आईएफसी पेश कर सकेंगे।
वायदा बाजार आयोग का सेबी में विलय किया जाएगा
केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने वस्‍तु वायदा बाजार के निगमन को मजबूत बनाने और अन्‍धाधुंध सट्टेबाजी कम करने के लिए वायदा बाजार आयोग को सेबी में विलय करने का प्रस्‍ताव किया है। वित्‍त विधेयक-2015 में सरकारी प्रतिभूति अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का प्रस्‍ताव है।
कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) के तहत कर्मचारियों को दो विकल्‍प दिए जाएंगे
केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण ने घोषणा की है कि कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) के संदर्भ में कर्मचारियों को दो विकल्‍प देने की आवश्‍यकता है। पहला, कर्मचारी या तो ईपीएफ को चुन सकते हैं अथवा नई पेंशन योजना को। दूसरा, निश्चित मासिक आय के नीचे के कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में योगदान वैकल्पिक होना चाहिए और यह मालिकों के योगदान को कम किए बिना या प्रभावित किए बिना होना चाहिए। ईएसआई के बारे में उन्‍होंने कहा कि कर्मचारियों को ईएसआई या बीमा निगमन विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त स्‍वास्‍थ्‍य बीमा उत्‍पाद में से किसी एक को चुनने का विकल्‍प होना चाहिए।
वित्‍त मंत्री ने घोषणा की हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद इस बारे में संशोधित कानून लाया जाएगा।
कारपोरेट टैक्‍स में कमी होगी और जीएसटी को लागू किया जाएगा
केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि कारपोरेट टैक्‍स दर के अगले 4 वर्षों के दौरान वर्तमान 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रावधान है।
स्‍वरोजगार और प्रतिभा का उपयोग (सेतु)  की स्‍थापना होगी
सेतु एक औद्योगिकीय-वित्‍तीय उद्भवन होगा और अन्‍य स्‍व-रोजगार के क्रियाकलापों, विशेषकर प्रौद्योगिकी प्रेरित क्षेत्रों में व्‍यवसाय चलाने के सभी पहलुओं की सहायता करने हेतु सहायता कार्यक्रम होगा। इस प्रयोजन के लिए, नीति आयोग में आरंभिक रूप में 1000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
सरकार की 'एक्‍ट ईस्‍ट' नीति
केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरूण जेटली ने आज कंबोडिया, म्‍यांमार, लाओस, और वियतनाम नामक सीएमएलवी देशों में विनिर्माण केंद्रों के गठन की घोषणा की। लोकसभा में आम बजट 2015-16 को प्रस्तुत करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की 'एक्‍ट ईस्‍ट' नीति दक्षिण-पूर्वी एशिया में सघन आर्थिक और कार्यनीतिक संबंधों को बढ़ाने की दिशा में किया गया प्रयास है।
विदेशी निवेश जुटाने के लिए प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने के लिए विभिन्‍न प्रकार के विदेशी निवेशों और विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेशों के बीच के विभेद को दूर
केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरूण जेटली ने विदेशी निवेश जुटाने के लिए, भारतीय कंपनियों हेतु प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने हेतु, विभिन्‍न प्रकार के विदेशी निवेशों, खासकर विदेशी पोर्टफोलियों निवेशों और विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेशों के बीच के विभेद को दूर करने और उनके स्‍थान पर समिश्र उच्‍चतम सीमाएं लाए जाने की मांग की है। जो क्षेत्र पहले से ही 100 प्रतिशत स्‍वचालित मार्ग के अंतर्गत आते हैं, प्रभावित नहीं होंगे।
सोने का मुद्रीकरण
केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरूण जेटली ने सोने के मुद्रीकरण के लिए कई कदमों की घोषणा की है। आज लोकसभा में आम बजट 2015-16 प्रस्‍तुत करते हुए उन्‍होंने कहा कि भारत विश्‍व में सबसे बड़े उपभोक्‍ताओं में से एक है तथा प्रतिवर्ष 800-1000 टन स्‍वर्ण का आयात करता है।
विकास को हरित होना चाहिए
केंद्रीय वित्‍त मंत्री  अरूण जेटली ने कहा है कि सरकार विकास प्रक्रिया को जहां तक संभव है, हरी-भरी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज यहां संसद में आम बजट 2015-16 प्रस्‍तुत करते हुए  जेटली ने कहा है कि अधिकांश पैट्रोलियम उत्‍पादों पर हमारा वास्‍तविक 'कार्बन टैक्‍स' अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप है।
आम बजट की खास बातें: -
-प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के बीच अंतर को समाप्त किया जायेगा और स्वत: मंजूरी के रास्ते 100 प्रतिशत एफडीआई प्रभावित नहीं होगी : जेटली।
-श्रीकृष्ण समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद भारतीय वित्तीय संहिता संसद में पेश की जायेगी
-सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी की स्थापना करके भारतीय बांड बाजार को और व्यापक बनाया जायेगा
-पूंजी प्रवाह पर सरकार को स्पष्ट नियंत्रण देने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून में संशाधन किया जायेगा
-पीपीपी माडल की समीक्षा की जायेगी और कारोबार करने को सुगम बनाया जायेगा
-नये कर प्रस्तावों से 15,068 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति का अनुमान ।
-व्यक्गित करदाताओं को सालाना 4,44,200 रूपये की आय पर विभिन्न प्रावधानों के तहत छूट उपलब्ध होगी।
-पेंशन योजना में सालाना 50 हजार रूपये तक के योगदान पर कर छूट। कर्मचारियों की मासिक परिवहन भत्ता कर छूट को 800 रूपये से बढ़ाकर 1600 रूपये किया गया ।
-स्वच्छ भारत कोष और गंगा सफाई कोष में दान करने पर शत प्रतिशत कर छूट का प्रस्ताव।
-स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर अयकर कटौती की सीमा 15 हजार रूपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपये करने का प्रस्ताव, बुजुर्गो के मेडिकल खर्च पर 30 हजार रूपये तक कर कटौती : जेटली।
-केंद्रीय उत्पाद शुल्क की दर बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत, सेवा कर की दर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
-कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की दूसरी इकाई 2015.16 में परिचालन में आ जायेगी, 4000,  4000 मेगावाट क्षमता के पांच अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट स्थापित किये जायेंगे
-सम्पत्ति कर समाप्त, एक करोड़ रूपये से अधिक की आय वाले व्यक्तियों पर दो प्रतिशत का अतिरिक्त अधिभार
-कालाधन पर जुर्माला कर देनदारी का 300 प्रतिशत लगाया जायेगा, कर चोरी करने वाले मामलों सुलझाने के लिए निपटान आयोग में नहीं जा सकेंगे
-सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (गार) का क्रियान्वयन दो साल के टाला गया।
-इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, व्यक्तिगत कारदाताओं को कर छूट मिलती रहेगी, एक लाख रूपये से अधिक के सौदों पर पैन का उल्लेख जरूरी, बेनामी कारोबार पर अंकुश के लिए विधेयक चालू संसद सत्र में लाया जायेगा
-कालाधन छिपाने पर 10 साल तक की कैद, विदेशी सम्पत्तियों को छिपाने वालों को जेल की कठोर सजा सहित कर चोरी के खिलाफ और सख्त होंगे कानून
-कालेधन से निलटने के लिए व्यापक कानून बनाया जायेगा
-डाकघर भुगतान बैंक का काम करेंगे : जेटली
-कारपोरेट कर की दर चार साल में 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत लायी जायेगी
-2015.16 में राजकोषीय घाटा 3.9 प्रतिशत, राजस्व घाटा 2.8 प्रतिशत, कुल बजट खर्च 17 लाख 77 हजार 477 करोड़ रूपये
-2015-16 का रक्षा बजट 2.46 लाख करोड़ रूपये, स्वास्थ्य के लिए 37152 करोड़ रूपये, शिक्षा के लिए 68,000 करोड़ रूपये से ज्यादा का प्रावधान ।
समन्वित बाल विकास योजना के लिए 1500 करोड़ रूपये, समन्वित बाल संरक्षण योजना के लिए 500 करोड़ रूपये और प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के लिए 3000 करोड़ रूपये का प्रावधान
-कर्मचारियों को ईपीएफ और नई पेंशन योजना में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जायेगा
-बिहार और पश्चिम बंगाल को आंध्रप्रदेश की तर्ज पर विशेष सहायता देने का प्रस्ताव
-दीनदयाल उपाध्याय हुनर योजना का प्रस्ताव । जम्मू कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, असम में एम्स खोले जायेंगे
-वायदा बाजार आयोग को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड में मिलाने का प्रस्ताव
-विभिन्न चरणों में 150 देशों को आगमन पर बीजा की सुविधा देने का प्रस्ताव
-सड़क, रेल परियोजनाओं के लिए कर मुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर बांड पेश किया जायेगा
-2015-16 में अनुसूचित जाति के लिए 30,851 करोड़ रूपये और महिलाओं से संबंधित योजनाओं के लिए बजट में 79,258 करोड़ रूपये का प्रावधान
-प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना शीघ्र, 12 रूपये के सालाना प्रीमियम पर दो लाख रूपये का दुर्घटना बीमा होगा
-देश में नवोन्मेष की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए 'अटल नवोन्मेष मिशन पेश किया जायेगा
-खस्ताहाल कंपनियों के लिए एक नयी समग्र संहिता लायी जायेगी
-मनरेगा के लिए प्रारंभिक प्रावधान 34,699 करोड़ रूपये
-ग्रामीण आधारभूत संरचना कोष के लिए 2015-16 में 25 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान
-अल्पसंख्यक युवाओं के लिए 'मंजिल' योजना। अल्पसंख्यक मंत्रालय को 2015-16 के लिए 3738 करोड़ रूपये का प्रावधान
-11.5 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं को सब्सिडी का खाते के जरिये नकद भुगतान, सांसदों, मंत्रियों समेत सम्भ्रांत लोग स्वेच्छा से सब्सिडी का त्याग करेंगे
-बुजुर्गो के लिए वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष बनाने का प्रस्ताव
-सभी भारतीयों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनेगी, जनता के लिए 'अटल' पेंशन योजना
-छोटे कारोबारियों की ऋण सुविधा के लिए 20 हजार करोड़ रूपये के कोष से मुद्रा बैंक बनाया जायेगा
-2015-16 में किसानों को 8.5 लाख करोड़ रूपये कृषि ऋण देने का लक्ष्य
-नयी व्यवस्था में कुल राजस्व में राज्यों का हिस्सा 62 प्रतिशत और केंद्र का हिस्सा 38 प्रतिशत होगा
- जनधन योजना में 60 साल बाद पेंशन का प्रावधान
-चालू वित्त वर्ष में राजोषीय घाटे को 4.1 प्रतिशत रखने का लक्ष्य हासिल किया जायेगा, दो की बजाए तीन साल में तीन साल में 3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य
-मौद्रिक नीति समिति गठित करने के लिए हम इस वर्ष आरबीआई एक्ट में संशोधन की पहल करेंगे : जेटली
-कोयला ब्लाकों की पारदर्शी नीलामी से संबंधित राज्यों को रायल्टी से लाखों करोड़ रूपये मिले हैं
-50 लाख शौचालय बनाये जा चुके है, 6 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य हासिल किया जायेगा
-वित्त वर्ष 2015.16 में आर्थिक वृद्धि 8 से 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान : जेटली
-खुदरा मुद्रास्फीति की दर वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत रहने का अनुमान
-चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान, रूपया 6.4 प्रतिशत मजबूत हुआ
-आर्थिक वातावरण पहले की तुलना में काफी सुधारा है, निवेशकों का विश्वास बढ़ा है : जेटली


बजट में कुछ राज्यों पर खास ध्यान
राज्यों के विकास पर पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ बिहार और पश्चि‍म बंगाल के विकास पर भी फोकस करने का लक्ष्य रखा गया है. जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में AIIMS बनाने का प्रस्ताव है. अरुणाचल प्रदेश में फिल्म इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा. कर्नाटक में IIT बनाया जाएगा और ISM, धनबाद को IIT का दर्जा मिलेगा. आम बजट 2015-16: ये हुआ हमारे लिए महंगा
अरुण जेटली ने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों को अगले साल से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलेगा. महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1 हजार करोड़ अतिरि‍क्त धन का प्रावधान किया गया है.
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अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 12 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख का कवर मिलेगा. 2022 तक हर परिवार को घर और परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है.
रक्षा क्षेत्र के लिए 246727 करोड़ रुपये
अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने 2015-16 के लिए रक्षा कार्यों के लिए 2,46,727 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार रक्षा बलों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रखने के लिए तत्काल निर्णय लेने की नीति का पालन कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' नीति लागू करने की कोश‍ि‍श कर रही है.
डायरेक्ट टैक्स से 14.49 लाख करोड़ रुपये की उगाही
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में डायरेक्ट टैक्स के जरिए 14.49 लाख करोड़ रुपये की उगाही होने का अनुमान है. जेटली ने कहा कि एक करोड़ रुपये से अधिक की कमाई पर अधिभार देना होगा.
तेजी से विकास कर रही देश की अर्थव्यवस्था: जेटली
अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 का आम बजट पेश किया और कहा कि उनकी सरकार द्वारा उठाए गए सुधारवादी कदमों के कारण देश की साख दोबारा मजबूत होने से आज अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में पहुंच गई है. जेटली ने लोकसभा में अपने बजट भाषण की शुरुआत में कहा, 'मैं एक ऐसे आर्थिक परिवेश में यह आम बजट पेश कर रहा हूं, जो पिछले समय की तुलना में अधिक पॉजिटिव है. दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मुश्किलों का सामना कर रही हैं. भारत उच्च विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है.'
GDP विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
अरुण जेटली ने कहा, 'वित्त वर्ष 2014-15 में वास्तविक GDP विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इससे भारत को दुनिया की तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी.. वित्तमंत्री ने कहा, 'हमें बर्बादी और निराशा विरासत में मिली है. हमने उचित कदमों के द्वारा इससे उबरने में एक लंबा रास्ता तय किया है. हमारा उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार और देश के आम आदमी तक सुविधाएं पहुंचाना है.'
'सब्स‍िडी बंद करना सरकार की मंशा नहीं'
वित्तमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की मंशा सब्सिडी बंद करना नहीं है, बल्कि उद्देश्यों को हासिल करने के लिए इन्हें बेहतर तरीके से लागू करना है. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को ऋण के रूप में लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएंगे. इसके साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
आम बजट: संपत्ति कर खत्म करने का ऐलान
केंद्रीय मंत्री वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को अपने बजट भाषण में संपत्ति कर के प्रावधान को समाप्त करने की घोषणा की.
2015-16 में वित्तीय घाटा 3.9 फीसदी लाने का लक्ष्य: जेटली
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.1 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है. अगले तीन सालों में इसे और घटाकर 3 फीसदी तक लाए जाने का लक्ष्य है. जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा, 'वित्त वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटा 4.1 फीसदी लाने का लक्ष्य है.' जेटली ने कहा, 'हमारी योजना अगले 3 सालों में इसे तीन फीसदी करना है. 2015-16 में 3.9 फीसदी, 2016-17 में 3.5 फीसदी और 2017-18 में तीन फीसदी का लक्ष्य है.'
रेल, सड़क और बुनियादी ढांचे के लिए टैक्स फ्री बॉन्ड का प्रस्ताव है. 150 करोड़ रुपये से रिसर्च और डिवलेपमेंट फंड की शुरुआत की गई है. बजट में बाल विकास के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. नी‍ति आयोग को 1 हजार करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव है.
बजट भाषण में अरुण जेटली ने 'मेक इन इंडिया' से रोजगार पैदा करने की बात कही है. जेटली ने कहा कि सरकार ने साफ-सफाई को आंदोलन का रूप दिया है. उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में 6 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
वित्तमंत्री ने अपील की कि उच्च आयवर्ग के लोग स्वेच्छा से एलपीजी सब्स‍िडी छोड़ देंगे. सरकार ने देशभर में डाक नेटवर्क के विस्तार की बात कही है. उन्होंने जनधन योजना को भी डाकघरों से जोड़ने के प्लान का जिक्र किया.
अटल पेंशन योजना के तहत सरकार 1 हजार रुपये प्रतिमाह देगी. पेंशन का पैसा 60 साल की अवस्था के बाद मिलेगा. गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड का प्रस्ताव रखा गया है.




 
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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 का आम बजट शनिवार को लोकसभा में पेश किया और कहा कि उनकी सरकार द्वारा उठाए गए सुधारवादी कदमों के कारण देश की साख दोबारा मजबूत होने से आज अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में पहुंच गई है। जेटली ने लोकसभा में अपने बजट भाषण के प्रारंभ में कहा कि मैं एक ऐसे आर्थिक परिवेश में यह आम बजट पेश कर रहा हूं, जो पिछले समय की तुलना में अधिक सकारात्मक हो है। विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मुश्किलों का सामना कर रही हैं। भारत उच्च विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 में वास्तविक जीडीपी विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे भारत को विश्व की तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमें बर्बादी और निराशा विरासत में मिली है और हमने उचित कदमों के द्वारा इससे उबरने में एक लंबा रास्ता तय किया है। हमारा उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार और देश के आम आदमी तक सुविधाएं पहुंचाना है। उन्होंने यह भी कहा कि विकास दर अब दहाई अंक में संभव है। हमारा उद्देश्य महंगाई को काबू में करना है। इस साल के अंत तक महंगाई दर सिर्फ पांच प्रतिशत रहेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की मंशा सब्सिडी बंद करना नहीं है, बल्कि उद्देश्यों को हासिल करने के लिए इन्हें बेहतर तरीके से लक्षित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को ऋण के रूप में लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएंगे। इसके साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ नए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ सामाजिक क्षेत्र परियोजनाओं की एक श्रृंखला के लिए आवंटित धनराशि को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत आवंटन को उच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
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रुपया: आम बजट में रुपये का रुख
आज संसद में पेश आम बजट 2015-16 के अनुसार प्रति रुपये में व्यय व प्राप्तियां निम्न प्रकार से हैं-
रुपया आता है-
उधार व अन्य देयताएं: 24 पैसे
निगमित कर: 20 पैसे
आयकर: 14 पैसे
गैर कर राजस्व: 10 पैसे
केंद्रीय उत्पाद शुल्क: 10 पैसे
सेवा व अन्य कर: 9 पैसे
सीमा शुल्क: 9 पैसे
गैर ऋण पूंजी प्राप्तियां: 4 पैसे
(कुल प्राप्तियों में करों व शुल्कों में राज्यों का हिस्सा शामिल)
रुपया जाता है-
करों व शुल्कों में राज्यों का हिस्सा: 23 पैसे
ब्याज अदायगी: 20 पैसे
केंद्रीय योजना: 11 पैसे
अन्य गैर योजना खर्च: 11 पैसे
रक्षा: 11 पैसे    
सब्सिडी: 10 पैसे
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को योजना मदद: 9 पैसे
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को गैर योजना मदद: 5 पैसे
(कुल व्यय में करों व शुल्कों में राज्यों का हिस्सा शामिल, इसमें सरकारी उदयमों के आंतरिक व बजट बाह्य संसाधनों से पूरा किया जाने वाला योजना परिव्यय शामिल नहीं)।
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एफआईएफ: वैकल्पिक निवेश कोष में विदेशी निवेश
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में विदेशी निवेश की मंजूरी देगी। ये एक किस्म की रीयल एस्टेट, निजी इक्विटी और हेज फंडों की मिलीजुली (पूल्ड-इन) निवेश इकाइयां है। लोकसभा में 2015-16 का बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे निवेशों के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जैसे विभिन्न खंडों को खत्म करेगी ताकि विदेशी निवेशकों के लिए एआईएफ में निवेश आसान हो। एआईएफ मूल रूप से भारत में गठित कोष हैं जिसका उददेश्य है पूर्व-निर्धारित नीति के मुताबिक निवेश के लिए भारतीय निवेशकों से पूंजी संग्रह (पूल-इन) करना। सेबी के दिशानिर्देश के मुताबिक एआईएफ आम तौर पर तीन खंडों में परिचालन कर सकते हैं। सेबी के नियम सभी एआईएफ पर लागू होते हैं जिनमें निजी इक्विटी फंड, रीयल एस्टेट फंड और हेज फंड आदि शामिल हैं।
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बैंक: स्वायत्त बैंक बोर्ड ब्यूरो का होगा गठन
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कामकाज सुधारने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज एक स्वायत्त बैंक बोर्ड ब्यूरो के गठन का प्रस्ताव किया है, ताकि विस्तार की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक को पूजी जुटाने में मदद की जा सके। उन्होंने आज लोकसभा में 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए कहा ब्यूरो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों की खोज और चयन करेगा। साथ ही उन्हें नवोन्मेषी वित्तीय तरीके और उपाय के संबंध में पूंजी जुटाने की योजनाओं अलग-अलग रणनीतियां विकसित करने में उनकी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह बैंकों के लिए होल्डिंग एवं निवेश कंपनी स्थापित करने की दिशा में कदम होगा।
इस मुद्दे पर ज्ञान संगम में विस्तत चर्चा हुई थी जिसे पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था। बैंकरों की दो-दिवसीय बैठक के दौरान वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों ने बैंक निवेश समिति (बीआईसी) और बैंकों में सरकारी निवेश का हस्तांतरण बीआईसी को करने का सुझाव दिया है। बीआईसी के गठन से आने वाले समय में सरकार को स्वामित्व 51 प्रतिशत से कम रखने और बैंक को वृद्धि के लिए पूंजी सजन में मदद मिलेगी।
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एनओएफएन: पहला राज्य बना आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश अपने बल पर नेशनल आप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) परियोजना को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी लेने वाला पहला राज्य बन गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यह जानकारी दी। दूरसंचार विभाग राज्य को इसकी लागत का भुगतान करेगा। वित्त मंत्री ने संसद में 2015-16 का बजट पेश करते हुए कहा, ढाई लाख गांवों में 7.5 लाख किलोमीटर के फाइबर नेटवर्क को बिछाने के काम में और तेजी आएगी। जो राज्य इसका कार्यान्वयन खुद करना चाहते हैं उन्हें इसकी अनुमति होगी। राज्य को दूरसंचार विभाग द्वारा निकाली गई लागत का भुगतान किया जाएगा। आंध्र प्रदेश इसका कार्यान्वयन खुद करने की जिम्मेदारी लेने वाला पहला राज्य है।
आंध्र प्रदेश ने 1.2 करोड़ परिवारों को 150 रुपये मासिक पर 10-15 एमबीपीएस डाउनलोड गति का ब्रॉडबैंड कनेक्शन देने का प्रस्ताव किया है। राज्य ने पांच साल में इस परियोजना का कार्यान्वयन 4,913 करोड़ रुपये की लागत में करने का प्रस्ताव किया है। केंद्र ने राज्य में एनओएफएन परियोजना के लिए 1,940 करोड़ रुपये की राशि तय की है। इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य अपना निगम बनाएगा जिसका नाम आंध्र प्रदेश फाइबर कारपोरेशन होगा। इसका 100 प्रतिशत स्वामित्व राज्य के पास होगा।
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बीमा: सरकार ने पेश की सस्ती योजनाएं
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अटल पेंशन योजना और सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा योजना समेत कुछ कम लागत वाली नयी पेंशन व बीमा योजनाओं की आ घोषणा की। उन्होंने कहा कि अटल पेंशन योजना के तहत योजनाधारक को अंशदान के मुताबिक परिभाषित पेंशन का लाभ प्राप्त होगा। इसमें से 50 प्रतिशत योगदान सरकार करेगी। उन्होंने कहा सरकार ने हर भारतीय के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा के लिए काम करने का प्रस्ताव किया है।
इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना पेश करने का प्रस्ताव किया ताकि बीमा की पहुंच बढ़ाई जा सके। इसे प्रधानमंत्री जनधन योजना से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सिर्फ 12 रुपये के प्रीमियम पर दो लाख के कवरेज की योजना पेश की जाएगी। उन्होंने कहा इन सामाजिक योजनाओं के पीछे हमारी मंशा है कि कोई व्यक्ति पैसे के अभाव में बीमारी या बुढ़ापे की दिक्कतों से नहीं जूझे।
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इलेक्ट्रिक वाहन: सरकार ने 75 करोड़ आबंटित किये
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2015-16 में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने एवं विनिर्माण के लिए 75 करोड़ रुपये आज आबंटित किया। इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं ने इस कदम को एक अच्छी शुरुआत बताया। लोकसभा में 2015-16 के लिए आम बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार 75 करोड़ रुपये के आरंभिक आबंटत के साथ फेम नाम की एक योजना भी ला रही है, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने एवं विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है। उन्होंने कहा कि बिजली से चलने वाले वाहनों एवं हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण में इस्तेमाल आने वाले विशेष सामानों पर रियायती छह प्रतिशत के उत्पादन शुल्क का और एक साल के लिए विस्तार किया जा रहा है जो वर्तमान में इस मार्च तक ही उपलब्ध है।
बजट में इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए सोसाइटी आफ मैन्युफैक्चर्स आफ इलेक्ट्रिक वीकल्स (एसएमईवी) के निदेशक (कंपनी मामलात) सोहिंदर गिल ने इलेक्ट्रिक वाहनों एवं सहायक चार्जिंग ढांचे व आरएंडडी निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में किए गए उपाय को एक स्वागत योग्य कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह संकटग्रस्त कंपनियों के लिए यह एक संजीवनी की तरह है। इन कंपनियों ने पर्यावरण अनुकूल वाहनों में काफी निवेश किया है, लेकिन सरकार की ओर से समर्थन की कमी के चलते ये भारी संकट का सामना कर रही थीं।
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सिंचाई: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से पैदावार बढ़ी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश करते हुये कहा, किसानों के साथ हमारी गहरी प्रतिबद्धता है। हमने किसानों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाये हैं, जिनमें से दो प्रमुख कारक मदा एवं जल हैं। मृदा की गुणवत्ता सुधारने के लिए केन्द्रीय मंत्री ने आज कृषि मंत्रालय की कृषि योजना परंपरागत कृषि विकास योजना का समर्थन किया। जेटली ने कहा प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना का लक्ष्य सभी खेतों लिए सिंचाई उपलब्ध कराना और प्रति बूंद अधिक कृषि से जल का सदुपयोग बढ़ाना है। बजट में सूक्ष्म सिंचाई, जलासंभरण विकास, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 5,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
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ईपीएफ: कर्मचारियों को दिया जाएगा विकल्प
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से संबंधित प्रावधानों में बदलाव लाने की घोषणा करते हुए इस संदर्भ में कर्मचारियों को दो विकल्प देने का आज प्रस्ताव किया। इसके तहत पहला, कर्मचारी या तो ईपीएफ को चुन सकते हैं अथवा नई पेंशन योजना को अपना सकते हैं। दूसरा, निश्चित मासिक आय के नीचे के कर्मचारियों के लिये ईपीएफ में योगदान वैकल्पिक होना चाहिए और यह मालिकों के योगदान को कम किये बिना हो। ईएसआई के बारे में जेटली ने कहा कि कर्मचारियों को ईएसआई या बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (इरडा) द्वारा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य बीमा उत्पाद में से किसी एक को चुनने का विकल्प होना चाहिए। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस बारे में संशोधित कानून लाया जाएगा।
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बिजली: पांच नए यूएमपीपी स्थापित होंगे
सरकार ने आज कहा कि भारत में करीब एक लाख करोड़ रुपये के निवेश से और पांच अति वहद बिजली परियोजनाएं (यूएमपीपी) स्थापित की जाएंगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2015-16 के लिए अपना पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा कि कुल एक लाख करोड़ रुपये के निवेश से और पांच अति वृहद बिजली परियोजनाएं (यूएमपीपी) लगाई जाएंगी। यूएमपीपी कोयला आधारित ताप बिजली परियोजना है, जिसकी उत्पादन क्षमता 4,000 मेगावाट है। मंत्री ने हालांकि उन राज्यों की घोषणा नहीं की जहां ये परियोजनाएं लगाई जाएंगी।
जेटली ने कहा कि प्लग एंड प्ले प्रणाली के तहत उन्हें परियोजना में गति लाने एवं खनन आसान करने के लिए विभिन्न मंजूरियां दिए जाने के बाद कोयला ब्लॉकों की नीलामी की जाएगी। इनमें से एक परियोजना बिजली संकट से ग्रस्त बिहार में स्थापित किए जाने की संभावना है। बिहार में प्रस्तावित संयंत्र को झारखंड या ओडिशा स्थित एक खदान से कोयला उपलब्ध कराया जा सकता है। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने नवंबर में कहा था कि इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त संख्या में कोयला ब्लॉक आबंटित किए जाएंगे। पावर फाइनेंस कारपोरेशन देश में यूएमपीपी के लिए नोडल एजेंसी है। अभी तक, 4 यूएमपीपी के ठेके दिए जा चुके हैं जिनमें से सासन (मध्य प्रदेश), कृष्णापत्तनम (आंध्र प्रदेश) और तिलैया (झारखंड) का ठेका रिलायंस पावर द्वारा हासिल किया गया है, जबकि चौथा यूएमपीपी गुजरात के मूंदड़ा में जिसका परिचालन टाटा पावर कर रही है।
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कृषि: कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़कर 8.5 लाख करोड़
किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अलावा उंची कृषि उत्पादकता हासिल करने के लिए सिंचाई व मदा के स्वास्थ्य में सुधार के लिए वित्तीय समर्थन की घोषणा की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए कहा, कृषि ऋण हमारे मेहनती किसानों को सहारा देते हैं। ऐसे में मैंने 2015-16 में 8.5 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। मुझे विश्वास है कि बैंक इस लक्ष्य को पार कर लेंगे। किसानों को तीन लाख रुपये तक का फसल ऋण सात प्रतिशत ब्याज पर मिलता है। हालांकि, यदि किसान ऋण का भुगतान समय पर करता है, तो प्रभावी ब्याज दर चार प्रतिशत रहती है। चालू वित्त वर्ष में कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य 8 लाख करोड़ रुपये है। सितंबर तक 3.7 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण वितरित किया गया था।
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वित्त मंत्री ने कहा, किसानों को प्रभावी व अड़चनरहित कषि रिण के जरिये कृषि क्षेत्र को समर्थन को मैं 2015-16 में ग्रामीण संरचना विकास कोष में 25,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा वित्त मंत्री ने दीर्घावधि के ग्रामीण ऋण कोष के लिए 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। इसके अलावा सहकारी ग्रामीण ऋण पुनर्वित्त कोष के लिए 45,000 करोड़ रुपये व लघु अवधि के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्वित्त कोष के लिए 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है।
सिंचाई को प्रोत्साहन देन व मृदा की सेहत सुधारने के लिए जेटली ने कहा कि किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता काफी गहरी है। हमने पहले ही कृषि उत्पादन के दो महत्वपूर्ण पहलुओं मृदा व पानी पर बड़े कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री ने कहा, मैं कृषि मंत्रालय की जैव कृषि योजना परंपरा कृषि विकास योजना तथा प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना (पीएमजीएसवाई) को समर्थन का प्रस्ताव करता हूं। मैं सूक्ष्म सिंचाई जल संभरण कार्यक्रमों व पीएमजीएसवाई के लिए 5,300 करोड़ रुपये का आवंटन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई का उद्देश्य प्रत्येक किसान के खेत की सिंचाई व पानी के इस्तेमाल की दक्षता में सुधार करना है। इसके अलावा टिकाऊ आधार पर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी मृदा हेल्थ कार्ड जारी किया गया है।
वित्त मंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा, किसान अब स्थानीय व्यापारियों के जाल में नहीं हैं, लेकिन उनकी उपज को अभी तक सर्वश्रेष्ठ अनुमानित मूल्य नहीं मिलता है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए हम राष्ट्रीय साझा बाजार स्थापित करना चाहते हैं।
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डाक: डाकखाने भुगतान बैंक का काम करेंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि डाक विभाग अपने विशाल नेटवर्क सेवा का उपयोग करते हुये प्रस्तावित भुगतान बैंक का काम करेगा। वित्त मंत्री ने लोकसभा में वर्ष 2015-16 का आम बजट पेश करते हुये आज कहा, सरकार देश के गावों-देहात तक फैले करीब 1.55 लाख डाकघरों के विशाल नेटवर्क का उपयोग करना चाहती है। मुझे उम्मीद है कि डाक विभाग प्रस्तावित भुगतान बैंक का सफलतापूर्वक परिचालन कर सकेगा, ताकि वह प्रधानमंत्री की जन-धन योजना में योगदान कर सके। वित्त मंत्री ने कहा कि डाकघर भुगतान बैंक के रूप में कार्य करेंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार ने डाक विभाग को भुगतान बैंक चलाने का लाइसेंस देने के लिए रिजर्व बैंक से आवेदन किया है। भुगतान बैंकों को धन प्रेषण एवं भुगतान सेवा देने की छूट होगी, लेकिन वे ऋण देने या क्रेडिट कार्ड जारी करने का काम नहीं कर सकेंगे।
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स्टार्टअप: प्रौद्योगिकी के लिए 1,000 करोड़ रुपये का कोष
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्टार्ट-अप्स व उद्यमियों खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये के कोष की घोषणा की। जेटली ने लोकसभा में 2015-16 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा, हम स्टार्ट-अप्स में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती हुई देख रहे हैं। आधुनिकी प्रौद्योगिकियों में प्रयोग, नयी सोच से मूल्यों का सृजन, इन्हें उद्यमों एवं कारोबारों में परिवर्तित करना हमारी रणनीति के केंद्र में है।
मंत्री ने कहा कि आईटी और इससे जुड़े क्षेत्र ने 2014.15 में 119 अरब डॉलर की आय दर्ज की और करीब 40 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया। जेटली ने कहा, हमारे युवाओं को देश के समावेशी व टिकाउ वद्धि में लगाने के लिए वैश्विक पूंजी जुटाने की और उदार प्रणाली, हमारे उत्कष्टता केंद्रों में इनक्यूबेशन सुविधाएं, शुरआती पूंजी के लिए धन उपलब्ध कराना और कारोबार करना आसान बनाने की जरूरत है जिससे एक लाख रोजगारों का सृजन किया जा सके एवं सैकड़ों अरब डॉलर की आय अर्जित की जा सके। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से सरकार स्वरोजगार एवं प्रतिभा उपयोग (सेतु) नाम की व्यवस्था तैयार कर रही है, जो सभी आकांक्षी स्टार्ट अप कारोबारियों एवं अन्य स्वरोजगार गतिविधियों विशेष प्रौद्योगिकी संचालित क्षेत्रों में सहयोग के लिए तकनीकी-वित्तीय इनक्यूबेशन व सुविधा कार्यक्रम होगा।
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एफएमसी: सेबी में होगा विलय
सरकार ने आज कहा कि जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएफसी) का विलय पूंजी बाजार नियामक सेबी में किया जाएगा। नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड में बड़ा संकट सामने आने के बाद पिछले साल एफएमसी को वित्त मंत्रालय के अधीन कर दिया गया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में अपना पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार एफएमसी का सेबी में विलय करेगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विलय से जिस बाजार कारोबार की निगरानी चुस्त दुरूस्त हो सकेगी। इस विलय के लिए संबंधित कानूनों में संशोधन की जरूरत होगी।
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मुद्रा बैंक: अजा-जजा के उद्यमियों के लिए बनेगा मुद्रा बैंक
सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अजा, जजा) के उद्यमियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुद्रा बैंक स्थापित करेगी। इस पुनर्वित्त एजेंसी की स्थापना 20,000 करोड़ रुपये के शुरुआती कोष के साथ की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद आम बजट 2015-16 पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा, मैं लघु इकाई विकास पुनर्वित्त एजेंसी, मुद्रा बैंक के गठन का प्रस्ताव करता हूं जिसका शुरुआती कोष 20,000 करोड़ रुपये होगा। इसका ऋण गारंटी कोष 3,000 करोड़ रुपये होगा। उन्होंने कहा, मुद्रा बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पुनर्वित्त संस्थान होगा। इसकी प्राथमिकता अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्यमियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की होगी। उन्होंने कहा कि 5.77 छोटी कारोबारी इकाइयां छोटी विनिर्माण व प्रशिक्षण कारोबार चला रही हैं। इनमें से 62 प्रतिशत का स्वामित्व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछडा वर्ग के लोगों के पास है।
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वृद्धि: अगले वित्त वर्ष में होगी 8 फीसदी वृद्धि दर
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 8 से 8.5 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी और आगे के वर्षों में यह दो अंक में होगी। लोकसभा में वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, वृद्धि दर 2015-16 में 8 से 8.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है। दो अंक की वृद्धि दर हासिल करना जल्द व्यावहारिक होगा। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने हाल में जीडीपी की वृद्धि दर के गणना के आधार वर्ष को 2011-12 कर दिया है। इसके अनुसार 2013-14 में वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2014-15 में यह 7.4 प्रतिशत रहेगी। संसद में कल पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वृद्धि दर को सुधार, कच्चे तेल के निचले दाम, मुद्रास्फीति में गिरावट की वजह मौद्रिक नीति में नरमी और 2015-16 में सामान मानसून के अनुमान से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।
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घाटा: राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहेगा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.9 प्रतिशत रखा गया है और 2017-18 तक इसे घटाकर 3 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव है। संसद में 2015-16 के लिए आम बजट पेश करते हुए जेटली ने राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की रूपरेखा सामने रखते हुए कहा कि तीन प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तीन साल में हासिल कर लिया जाएगा।
राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की पूर्व की रुपरेखा के मुताबिक, राजकोषीय घाटा 2016-17 तक 3 प्रतिशत पर लाया जाना था। जेटली ने कहा कि राजकोषीय जिम्मेदारी व बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून में इसके मुताबिक संशोधन किया जाएगा। ढांचागत क्षेत्र के वित्त पोषण के लिए अतिरिक्त राजकोषीय गुंजाइश उपलब्ध होगी। नई रुपरेखा के मुताबिक, राजकोषीय घाटा 2015-16 में जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहेगा, 2016-17 में 3.5 प्रतिशत और 2017-18 में तीन प्रतिशत रहेगा। जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के संबंध में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के मुताबिक 4.1 प्रतिशत रहेगा। मैं विरासत में मिले 4.1 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पूरा करूंगा।
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आरबीआई: दरों में कटौती नहीं
रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दरों में कटौती की गुंजाइश का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति करीब पांच प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जिससे मौद्रिक नीति में नरमी का रास्ता साफ होगा। वित्त मंत्री ने 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए कहा, सरकार मौद्रिक नीति का ऐसा ढांचा लागू करेगी जिससे यह सुनिश्चित होगा कि मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से कम रहे। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर हमारी विजय संस्थागत रहे और बरकरार रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति ढांचा समक्षौता किया है। इस ढांचे का लक्ष्य है मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत से कम रखना और हम इस साल आरबीआई अधिनियम में संशोधन करेंगे और मौद्रिक नीति समिति की व्यवस्था करेंगे।
उन्होंने कहा, मेरी सरकार की उपलब्धियों में से एक है मुद्रास्फीति पर विजय प्राप्त करना। मुद्रास्फीति में गिरावट से ढांचागत बदलाव की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल के अंत तक करीब पांच प्रतिशत रहेगी। इससे मौद्रिक नीति को उदार बनाने में मदद मिलेगी। पिछले बजट में वित्त मंत्री ने कहा था आधुनिक मौद्रिक नीति ढांचे की जरूरत है ताकि तेजी से जटिल होती अर्थव्यवस्था की चुनौती से मुकाबला किया जा सके। उन्होंने कहा था कि सरकार इस ढांचे को लागू करने के लिए रिजर्व बैंक के साथ परामर्श कर रही है।
बजट लाइव
* स्वच्छ भारत कोष और गंगा सफाई कोष में दान करने पर शत प्रतिशत कर छूट का प्रस्ताव।
* पेंशन योजना में सालाना 50 हजार रुपए तक के योगदान पर कर छूट। कर्मचारियों की मासिक परिवहन भत्ता कर छूट को 800 रुपये से बढ़ाकर 1600 रुपए किया गया।
* व्यक्तिगत करदाताओं को सालाना 4,44,200 रुपए की आय पर विभिन्न प्रावधानों के तहत छूट उपलब्ध होगी।
* नए कर प्रस्तावों से 15,068 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति का अनुमान।
* 25 हजार के हेल्थ इंशोरेंस पर टैक्स छूट।
* केंद्रीय उत्पाद शुल्क की दर बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत, सेवा कर की दर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
* कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की दूसरी इकाई 2015-16 में परिचालन में आ जाएगी, 4000 मेगावॉट क्षमता के पांच अल्ट्रा मेगा पॉवर प्रोजेक्ट स्थापित किये जाएंगे।
* कालाधन पर जुर्माना कर देनदारी का 300 प्रतिशत लगाया जाएगा, कर चोरी करने वाले मामले सुलझाने के लिए निपटान आयोग में नहीं जा सकेंगे।
* व्यक्तिगत कारदाताओं को कर छूट मिलती रहेगी, एक लाख रुपए से अधिक के सौदों पर पैन का उल्लेख जरूरी, बेनामी कारोबार पर अंकुश के लिए विधेयक चालू संसद सत्र में लाया जाएगा।
* कालाधन छिपाने पर 10 साल तक की कैद, विदेशी सम्पत्तियों को छिपाने वालों को जेल की कठोर सजा सहित कर चोरी के खिलाफ और सख्त होंगे कानून।
* कालेधन से निलटने के लिए व्यापक कानून बनाया जाएगा।
* डाकघर भुगतान बैंक का काम करेंगे।
* कॉरपोरेट कर की दर चार साल में 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत लायी जाएगी।
* 2015-16 में रोजकोषीय घाटा 3.9 प्रतिशत, राजस्व घाटा 2.8 प्रतिशत, कुल बजट खर्च 17 लाख 77 हजार 477 करोड़ रुपए।
* 2015-16 का रक्षा बजट 2.46 लाख करोड़ रुपए, स्वास्थ्य के लिए 37,152 करोड़ रुपए, शिक्षा के लिए 68,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रावधान। समन्वित बाल विकास योजना के लिए 1500 करोड़ रुपए, समन्वित बाल संरक्षण योजना के लिए 500 करोड़ रुपए और प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के लिए 3000 करोड़ रुपए का प्रावधान।
* कर्मचारियों को ईपीएफ और नई पेंशन योजना में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा।
* इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं, कॉर्पोरेट टैक्स के रेट घटेंगे।
* 54 फीसदी युवा आबादी के लिए दक्षता योजना की ज़रूरत।
* पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल में एम्स का एलान।
* अरुणाचल प्रदेश में फिल्म इंस्टीट्यूट।
* बिहार में एम्स जैसा एक और संस्थान।
* जम्मू और आंध्र में आईआईएम।
* 25 वर्ल्ड हैरिटेज साइटों को विकसित करेंगे।
* वाराणसी, अमृतसर, हैदराबाद की धरोहरों को वर्ल्ड हेरीटेज बनाएंगे।
* 150 देशों के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा।
* बिजली की गाड़ियों को बढ़ाने पर जोर।
* सरकारी खरीद के लिए नई प्रणाली ताकि घोटाले रोके जा सकें।
* वायदा बाजार आयोग को सेबी में मिलाने का प्रस्ताव।
* विभिन्न चरणों में 150 देशों को आगमन पर वीजा की सुविधा देने का प्रस्ताव।
* सड़क, रेल परियोजनाओं के लिए कर मुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड पेश किया जाएगा।
* 2015-16 में अनुसूचित जाति के लिए 30,851 करोड़ रुपये और महिलाओं से संबंधित योजनाओं के लिए बजट में 79,258 करोड़ रुपये का प्रावधान।
* विदेशी सोने के सिक्कों की जगह देसी सोने के सिक्कों को बढ़ावा देंगे।
* क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड को बढ़ावा देंगे।
* एफआईआई और एफडीआई का फर्क हटेगा।
* एक हजार करोड़ निर्भया फंड में, महिला सुरक्षा के लिए।
* ई-बिज पोर्टल की शुरुआत, परमिशन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
* 5 नई अल्ट्रा मेगा बिजली परियोजना का प्रस्ताव।
* अल्पसंख्यकों के लिए नई मंजिल योजना।
* ज्यादा टैक्स मिलेगा तो मनरेगा को 5 हजार करोड़ और देंगे।
* पीएम कृषि सिंचाई योजना में 3 हजार करोड़ और देंगे।
* खस्ताहाल कंपनियों के लिए एक नई समग्र संहिता लायी जाएगी।
* देश में नवोन्मेष की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए अटल नवोन्मेष मिशन पेश किया जायेगा।
* प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना शीघ्र, 12 रुपये के सालाना प्रीमियम पर दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा होगा।
* गोल्ड बॉन्ड जारी होगा।
* रोड रेल के लिए टैक्स फ्री बॉन्ड।
* सेबी और एफएमसी का विलय होगा।
* गरीबी रेखा से नीचे के बुजुर्गों के लिए पीएम बीमा योजना।
* बिना दावे के ईपीएफ और पापाएफ के पैसे से गरीबों के लिए योजना।
* अटल पेंशन योजना: एक हजार सरकार देगी, एक हजार लोग देंगे।
* प्रधानमंत्री बीमा योजना शुरू करेंगे।
* अटल पेंशन योजना का ऐलान।
* दो लाख का दुर्घटना बीमा देगी सरकार।
* छोटे उद्योगों के लिए मुद्रा बैंक।
* अगले साल सातवां वेतन आयोग।
* सब्सिडी लीक को कम करेंगे।
* मुद्रा के लिए 20 हजार करोड़ की निधि।
* सब्सिडी जरूरतमंदों तक पहुंचाने पर जोर।
* जरूरतमंदों के खाते में सब्सिडी सीधे पहुंच रही है।
* मुझे उम्मीद है कि अमीर लोग गैस सब्सिडी छोड़ेंगे।
* ग्रामीण विकास फंड के लिए 25 हजार करोड़।
* सरकारी घाटे को काबू में करना है: जेटली।
* इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की कमी: जेटली।
* वित्तीय घाटा 3 प्रतिशत से कम करेंगे: जेटली।
* महंगाई दर 5.1 फीसदी है: जेटली।
* छोटे कारोबारियों की ऋण सुविधा के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के कोष से मुद्रा बैंक बनाया जाएगा।
* 2015-16 में किसानों को 8.5 लाख करोड़ रुपये कृषि ऋण देने का लक्ष्य।
* नई व्यवस्था में कुल राजस्व में राज्यों का हिस्सा 62 प्रतिशत और केंद्र का हिस्सा 38 प्रतिशत होगा।
* चालू वित्त वर्ष में राजोषीय घाटे को 4.1 प्रतिशत रखने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा, दो की बजाए तीन साल में तीन साल में 3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य।
* 2022 तक बेरोजगारी को खत्म कर देंगे।
* 20 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाएंगे।
* स्वच्छ भारत मिशन को हमने आंदोलन में बदला: जेटली।
* राज्य बराबर के भागीदार होंगे: जेटली।
* जेटली ने पुरानी सरकार पर निशाना साधा।
* मौद्रिक नीति समिति गठित करने के लिए हम इस वर्ष आरबीआई एक्ट में संशोधन की पहल करेंगे।
* कोयला ब्लॉकों की पारदर्शी नीलामी से संबंधित राज्यों को रॉयल्टी से लाखों करोड़ रुपये मिले हैं।
* इनफ्रास्ट्रक्चर में नीजी निवेश की जरूरत।
* 2022 तक गरीबी हटाने का लक्ष्य।
* खुदरा मुद्रास्फीति की दर वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
* चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान, रुपया 6.4 प्रतिशत मजबूत हुआ।
* आर्थिक वातावरण पहले की तुलना में काफी सुधारा है, निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
* JAM - जनधन, आधार, मोबाइल।
* 50 लाख शौचालय बनाये जा चुके है, 6 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य हासिल किया जायेगा।
* अर्थव्यवस्था ही मजबूत नहीं हुई, देश को हमने नई दिशा भी दी।
(वीडियो साभार: दूरदर्शन)
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In a blow to transparency, the PMO has decided to block public access to the wealth declarations made by ministers.
  • Mohan Shrotriya
  • कथनी और करनी के बीच एक चौड़ी खाई है!
  • कहां की शुचिता?
  • यह है असलियत चाल, चेहरे और चरित्र की!

बजट से पहले सेंसेक्स में 230 अंकों की तेजी

Published on Feb 28, 2015 at 09:51 | Updated Feb 28, 2015 at 10:04
मुंबई| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली शनिवार को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगे, जिस कारण देश के शेयर बाजार शनिवार को भी खुले रहे। देश के प्रमुख शेयर बाजारों में शनिवार को शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख देखा गया। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 9.33 बजे 222.59 अंकों की तेजी के साथ 29,442.71 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 60.30 अंकों की तेजी केसाथ 8,904.90 पर कारोबार करते देखे गए।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 191.21 अंकों की तेजी के साथ 29,411.33 पर खुला, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 68.45 अंकों की तेजी के साथ 8,913.05 पर खुला।


याद करें कल का आर्थिक सर्वेः
नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे दिन आ गए हैं और सब कुछ ठीक रहा तो वो दिन दूर नहीं जब देश की तरक्की का पहिया 10 फीसदी की रफ्तार से घूमता नजर आएगा। कल देश का बजट पेश करने से पहले आज सरकार ने ये बातें आर्थिक सर्वे में कही है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली का चमकता हुआ चेहरा बता रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था भी चमकने जा रही है। बजट की अपनी पोटली खोलने से पहले जेटली अपने मंत्रालय के साथियों के साथ मीडिया के सामने आए। चेहरे पर एक खुशी इसलिए भी थी क्योंकि आर्थिक सर्वे के आंकड़े उत्साहजनक हैं। माहौल ऐसा है कि जल्द ही डबल डिजिट की ग्रोथ हासिल की जा सकेगी। लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वे में अगले साल विकास दर 8 फीसदी से उपर रहने की उम्मीद जताई गई है।
करेंट अकाउंट घाटा 1 फीसदी तक आने की उम्मीद है। खुदरा मंहगाई दर भी पांच या साढ़े पांच फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है। सरकार को स्पेक्ट्रम और कोल ब्लॉक आवंटन से बड़ी आमदनी की उम्मीद है, सरकार को भरोसा है कि जीएसटी लागू होने के बाद विकास में शानदार बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
इन आंकड़ों के बीच कृषि क्षेत्र की विकास दर 4 फीसदी के लक्ष्य से कम रहने की आशंका है। सरकार का कहना है कि वो विकास की राह में रोड़ा बने वित्तीय घाटे कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। सर्वे में कहा गया है कि सब्सिडी का फायदा उन लोगों को ज्यादा मिल रहा है जिन्हें इसकी जरूरत नहीं है, लिहाजा सब्सिडी में सुधार की जरूरत है।
इसके लिए सरकार जैम योजना यानी जनधन योजना, आधार और मोबाइल के जरिए लोगों को फायदा पहुंचाएगी। सर्वे के मुताबिक एपीएमसी एक्ट में यानी कृषि उपज के बाजार को नियंत्रित करने वाले कानून में बदलाव की जरूरत है। सर्व में निजी मार्केट शुरू करने की वकालत की गई है। आर्थिक सर्वे का बाजार ने भी स्वागत किया है। रेल बजट के बाद लुढ़का बाजार आज 473 की छलांग के साथ बंद हुआ।


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शिरीष अनुनाद shared Arun Dev's post.
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कट्टर और अंधधार्मिक समूह समाज को बर्बर युग में ले जा रहे हैं.
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गोविन्द पानसरे के बाद अब अभिजीत रॉय
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जाने-माने अमरीकी ब्लॉगर अभिजीत रॉय की कुछ अज्ञात लोगों ने चाक़ू मारकर हत्या कर दी है.ये जानकारी पुलिस अधिकारियों ने दी है.अभिजीत रॉय 'मुक्तो मोन' यानी आज़ाद ज़ेहन के नाम से ब्लॉग साइट चलाते थे जिसमें वे आ धार्मिक कट्टरपंथियों की आलोचना करते थे.पुलिस के अनुसार ब्लॉगर अभिजीत रॉय पर हमला उस समय हुआ जब वो अपनी पत्नी के साथ ढाका विश्वविद्यालय में लगे पुस्तक मेले से वापस आ रहे थे. हमले में उनकी पत्नी रफ़ीदा अहमद भी ज़ख़्मी हुई हैं.पुलिस का कहना है कि हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार बरामद कर लिए गए हैं और आगे की जांच जारी है.भिजीत के घर वाले और दोस्तों के अनुसार कई दिनों से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं.ढाका पुलिस के प्रमुख सिराजुल इस्लाम ने अमरीकी समाचार एजेंसी एपी को बताया है कि हमलावरों ने छूरे से अभिजीत और उनकी पत्नी पर हमला किया.अभिजीत के भाई अनुजीत का कहना है कि उनके भाई इसी महीने अमरीका से बांग्लादेश लौटे थे.अभिजीत रॉय की पत्नी.हमले में अभिजीत रॉय की पत्नी रफ़ीदा अहमद ज़ख़्मी हुई हैं.पिछले दो वर्षों में अभिजीत रॉय ऐसे दूसरे ब्लॉगर हैं जिनकी बांग्लादेश में हत्या कर दी की गई है.इससे पहले इस्लामी चरमपंथी समूह ने ब्लॉगर अहमद रजीब हैदर की हत्या साल 2013 में कर दी थी.रॉय की हत्या को बांग्लादेश में बढ़ती रूढ़िवादिता और असहिष्णुता के रूप में देखा जा रहा है. (बीबीसी से साभार.)

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