Why should we stand with anti national corporate raj?
Why should we stand with anti national corporate raj?
Palash Biswas
Others are not speaking against Reliance which is the basic cause of oil and gas crisis.
BJP did launch a crusade against Reliance during Indira Rgeime.But they have been keeping silence.
The left,Ambedkarites and socialist along with all regional parties never did take an initiative.
Everyone is playing dramatic politics.It is all about making fool of the majority people.
Aam Aaadmi party is no exception.
It may be a stunt.But it opened the flood gates.
Why should we stand with anti national corporate raj?
As far as reservation is concerned,mind you, Hindu Rashtra has no plce for equality and social justice.It banks on exclusion all on the name of inclusion and diversity.
Religious nationalism is the real time capital for all political parties.
Then NGOs do engage themselve to make Namomaya India also.
The tea parties being arranged by NGOs. All social sector plans and projects are executed by NGOs in the centre as well states.
NGOs led by Hazaare and Kiran Bedi have joined Modi camp.
Thousands of saffron NGOs including the SALWA judum phenomenon enjoy NGO status and funded by BJP governemnets.
Moreever, all agitions and mass movemenyts are led by NGOs.NGOs already are decisive.
We have to end the illuminati rule.
Our people are divided and ruled.We must unite them.It should be our prime agenda.
Meanwhile we should also encash the contradictions exposed in the ruling hegemony.
The Corporate raj is the regime omnipotent whosoever takes over the helm.
Hence, irrelevant are the dramatic elements and the scientific virtual effect.
The FIR agaist DEORA andMoil is quite ground breaking.
Why should we defend these people who continue the sale India in global zionist open market to subject our people for brute racial ethnic cleansing?
We should then demand to lodge FIR againd the ADHAAR Scam and all other companies involved in scams.
If Kejriwal and party do play a game,the pressure to continue the game is only way to end their game.
Simply,I am against to make way for Modi who identifies with OBC and untouchables.
It is greater drama and it would be resultatnt in complete mass destruction.
Just be aware.
It is surprising ,the FIR causes more headache for BJP and Bahujan than the target the CONGRESS antipeople rule of mass destruction and the omnipotent corporate raj.
Why?
- For whom we do stand,please decide.
Blog Archive
-
▼
2014
(1174)
-
▼
February
(101)
- बाकी बच गया अण्डा / नागार्जुन दूर तक चुप्पी सबसे ज...
- Of Caste Massacre and Judicial Impunity: Bloodstai...
- Razzak Expulsion suic1de for CPIM
- परिवार वाद ही आगे चलकर जातिवाद में विकसित होता है,...
- बिना पते की पुष्टि किये मोबाइल कनेक्शन का धंधा जोर...
- ‘गण’ के लिये नये ‘तंत्र’ की दरकार है
- समाज : कहां गईं बेटियां
- सरकारों और कारपोरेशनों द्वारा नागरिकों की निगरानी ...
- कृषि : आत्महत्या की खेती
- बहस : दलित समाज और जूठन
- भूमि अधिग्रहण कानून : एक सदी बाद का बदलाव और सार्थ...
- तस्वीर के पर्दे में : मुजफ्फरनगर-राहत शिविरों से ...
- बारह बरस से भटकती रूहें और एक चुनाव सर्वे: प्यू र...
- बहस तलब, जाति उन्मूलन को बुनियादी एजंडा बनाये बगै...
- बहस तलब, जाति उन्मूलन को बुनियादी एजंडा बनाये बगैर...
- Tornados of Nostalgia By Joshy Joseph
- रज्जाक मोल्ला के निष्कासन का फैसला जनाधार तेजी से ...
- अब सीधी लड़ाई मोदी और ममता के बीच है
- बतौर सांसद,विधायक अतिथि कलाकारों की भूमिका तो बताइ...
- राष्ट्रवादी (!) संघ परिवार के प्रधानमंत्रित्व का च...
- इतिहास पर उनका हर सुवचन हास्यास्पद है।अर्थशास्त्र ...
- जल मल एकाकार,गर्मी से पहले पेयजल खरीदने को मजबूर,अ...
- बहस तलब,मुद्दा जाति उन्मूलन का है,सत्ता में भागेदा...
- दाम तो गैस के बढ़ेंगे ही,अब मिलेगी भी नहीं,रसोई का...
- बतौर सांसद,विधायक अतिथि कलाकारों की भूमिका तो बताइ...
- जाति उन्मूलन से ही खत्म हो सकता है रंगभेद। थम सकात...
- जाति उन्मूलन से ही खत्म हो सकता है रंगभेद। थम सकात...
- बहसतलब ,हम गुलाम प्रजाजन स्वतंत्र देश के स्वतंत्र ...
- दाम तो गैस के बढ़ेंगे ही,अब मिलेगी भी नहीं,रसोई का...
- नवउदारवाद से उपजी चुनौतियां
- কর্পোরেটের টাকায় নয়, জনগণের চলচ্চিত্র উত্সব হয় তা...
- Please do not make a Kashmir in the North east,Mr ...
- अभी और कुरुक्षेत्र के दर्शन करने होंगे।देश को गृहय...
- आदिवासी कार्यकर्ता 'सोनी सोरी', इंफोसिस के पूर्व स...
- अमरकांत जी के अवसान के बहाने बची हुई पृथ्वी की शोक...
- अमरकांत जी के अवसान के बहाने बची हुई पृथ्वी की शोक...
- P. Chidambaram slams Budget 2014 critics, says sav...
- Foreign investors bond with India, close in on $5....
- Anna Hazare chooses Mamata over Kejriwal to suppor...
- दीदी अपनी केशरिया हुई जाई रे।
- इन चीखों का जवाब चाहिए हमें
- मध्य वर्ग को खैरात बाँटो और देश बेचो धंधा बेलगाम
- Chidambaram defended CIA NATO surveillance UID usi...
- मध्य वर्ग को खैरात बांटकर देश बेचो धंधा बेलगाम On ...
- हमें इन चीखों और सिसकियों का जवाब चाहिए
- जाति का उन्मूलन: कल, आज और कल
- ममता को मोदी का विकल्प बनाने की तैयारियों पर जोरों...
- People's Struggles and the Role of the New Camera
- ममता दीदी को नरेंद्र मोदी का विकल्प बनाने की तैयार...
- वातानुकूलित देश के लिए रेल,बाकी आम आदमी का सफर निष...
- कालाधन के दम पर ही चलती है कालाधन के खिलाफ जिहाद क...
- पहाड़ों और नदियों के मिजाज को समझिये
- लूट तंत्र के हितों का सवाल
- हाशिए से : चर्चा आफत की या रावत की
- व्यक्ति स्वतंत्र्य बनाम राज्य : ‘मैंने वह किया जो ...
- एकाधिकार पर खतरे से डरी हुई पितृसत्ता
- अर्थव्यवस्था : उधार की विकास नीति का संकट
- आडवाणी की सांप्रदायिक राजनीति का ही विस्तार हैं मोदी
- चरण सिंह का ‘सेक्युलरिज्म’
- हिंसा-प्रतिहिंसा के राजनैतिक समीकरण
- दंगों का लोकतंत्र
- कॉरपोरेट पॉलिटिक्स की नई बानगी
- बदस्तूर जारी है म.प्र. में शिक्षा का भगवाकरण
- Anna Hazare to campaign for Trinamool Congress, pa...
- 'The Hindus' controversy: Getting Doniger trashed ...
- Supreme Court upholds wage board notification
- Attacks on North-East people are painful, their de...
- ‘बीसवीं सदी में डॉ. अम्बेडकर का सवाल’
- Why should we stand with anti national corporate raj?
- अगर हम आम जनता के खिलाफ एकाधिकारवादी कारपोरेट राज ...
- राजनीति : भाषायी आड़ की सीमाएं
- आंकड़ों में अमीरी जमीन पर गरीबी
- तेलंगाना : छोटे राज्य का बड़ा गणित
- उत्तर प्रदेश : ध्रुवीकरण का खतरनाक खेल
- गोरखालैंड आंदोलन : संघर्ष जारी है गोरखालैंड आंदोलन...
- उत्तराखंड : खनन माफिया और सत्ता का गठजोड़
- नेपाल : कहीं कोई रास्ता है?
- स्त्री-विमर्श : जातीय उत्पीड़न का स्त्री पक्ष
- राजतंत्र : फर्जी मुठभेड़ों से संविधानेत्तर अस्तित...
- खाद्य सुरक्षा बिल से कौन डरता है?
- ट्रेवॉन मार्टिन और अमेरिकी नस्लवाद Author: भारत भ...
- व्याख्यान : ‘मैं अपने लिए नहीं बोल रही हूं’
- व्यक्तित्व: आम्ही सगले दाभोलकर! Author: सुभाष ग...
- कत्लेआम की सुबह Author: दिलीप खान
- The goal of Bahujan mission is to overthrow exploi...
- Aapka Sangathan Kitna Bahujanvadi Hai Parikshan Se...
- ब्रिगेड रैली से नमो सुनामी का अंदाजा लगाइये लेकिन ...
- गोरे दोस्त नहीं हैं सिखों के,शहीदआजम के वंशजों से ...
- Modi broke protocol and drag the president in poli...
- पत्थर के अभिमन्यु सुन रहे हैं तुम्हारी चीखें वे रो...
- एमआईएफएफ फिल्म फेस्टिवल के लिए शुभकामनाएं
- Pl join Samayantar Debate
- एक अनचाहा संवाद मुख्यमंत्रित्व और जनांदोलन पर,जस ...
- That Bullet ridden bloody Day in Nandigram
- बंगाल में मोदी का विजय रथ थाम लेने का करिश्माई टोट...
- Decide first whether you recognise Northeasterners...
- Fwd: MIFF ZONE KOLKATA, 2014 (5 TO 5 February)
- Decide first whether you recognise Northeasterners...
- हम वाकई एक असभ्य समाज हैं, क्रूर हैं
- Annihilation of Castes: Past, Present and Future A...
No comments:
Post a Comment