Sunday, 29 January 2012 10:59 |
नयी दिल्ली, 29 जनवरी (एजेंसी) राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का मानना है कि वोट बैंक, मजहबी आरक्षण और तुष्टिकरण की राजनीति के चलते भारत में मुस्लिम समाज के अस्तित्व को ही खतरा बनता जा रहा है। संघ के मुखपत्र पांचजन्य के एक आलेख में इस बारे में आगाह करते हुए कहा गया कि जैसे जैसे मजहबी आरक्षण का अनुपात बढ़ता जाएगा, वैसे वैसे आरक्षण का लाभ उठाने वालों का सम्मान घटता जाएगा। जब बहुसंख्यक समाज के लोगों की तुलना में आरक्षण के आधार पर किसी मजहब विशेष के लोगों को ज्यादा दिया जाएगा तो सामाजिक समरसता और सौहार्द को तार-तार होने से कोई भी कानून रोक नहीं सकेगा। मुसलमानों के पिछड़ेपन का उल्लेख करते हुए लेख में कहा गया है कि वोट बैंक की खातिर मुस्लिम समाज को विशेष राजनीतिक झुंड बनाकर रखने वाली मौकापरस्त कांग्रेस जैसे कथित सेकुलरवादी दल ही मुसलमानों की कथित गरीबी और पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार हैं। इस संदर्भ में कांगे्रस अध्यक्ष को निशाना बनाते हुए कहा गया है कि भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद अर्थात हिन्दुत्व को टुकड़ों में बांट देने के विदेशी षडयंत्रों को आज की सोनिया गांधी निदेर्शित डा मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार पूरा करने को उतावली हो रही है। इसके तहत अल्पसंख्यकवाद को संवैधानिक सहारा देने के लिए मजÞहब आधारित आरक्षण जैसे खतरनाक खेल को अंजाम देने की तैयारी की गई है। |
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