मुंबई, 24 फरवरी (एजेंसी) नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस का संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है। बैंक एयरलाइन को और कर्ज देने को फिलहाल तैयार नहीं हैं। बैंकों का कहना है कि वे इस एयरलाइन को तब तक नया कर्ज नहीं देंगे, जब तक प्रवर्तक उसमें और इक्विटी पूंजी नहीं डालते। कई बैंकों ने प्रेट्र से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि बैंकरों के लिए इस बात की कोई तुक नहीं बनती कि वे उस ग्राहक को कर्ज दें, जिसे हर महीने भारी नुकसान हो रहा है। दिल्ली के सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक के एक अधिकारी ने कहा, ''बैंक किसी कंपनी को क्यों कर्ज देंगे जिसने इस वित्त वर्ष में 1,000 करोड़ रुपये गंवाए हैं।'' एयरलाइन को कर्ज देने वाले 18 बैंकों के गठजोड़ में पीएनबी भी शामिल है। किंगफिशर को खराब कर्ज की वजह से 435 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा है। यह पूछे जाने पर कि क्या बैंक एयरलाइन को बंद हो जाने देंगे और अपना सारा पैसा गंवा देंगे, अधिकारी ने कहा, ''बैंकों का एक पैसा गंवाने का भी सवाल पैदा नहीं होता, क्योंकि बैंकों को कंपनी की ओर से कई प्रतिभूतियां मिली हुई हैं। यूको बैंक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अरुण कौल ने कहा, ''बैंक ने किंगफिशर के खाते को गैर निष्पादित आस्तियां :एनपीए: घोषित कर दिया है। यदि रिण के लिए कोई और आवेदन किया जाता है, तो इस खाते को नियमित कर चलाया जाना जरूरी है।'' कौल ने कहा कि अभी एयरलाइन को रिण देने के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है। कुल 18 बैंकों :14 सरकारी और 4 निजी क्षेत्र के: ने किंगफिशर को कर्ज दिया हुआ है। इस संकटग्रस्त एयरलाइन पर कुल 7,057 करोड़ रुपये का कर्ज है। इस बारे में पूछे जाने पर सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंकों को अपने बकाया की वसूली के लिए और कर्ज देना होगा। ''यह इस तरह से है कि फंसे कर्ज को निकालने के लिए और रिण दिया जाए।'' फेडरल बैंक के एक अधिकारी ने हालांकि कहा कि बैंकों का गठजोड़ एसबीआई कैपिटल के प्रस्ताव की व्यवहार्यता पर विचार कर रहा है। ''कुछ भी अगले दो-तीन सप्ताह में होगा।'' फेडरल बैंक ने किंगफिशर को 380 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। दिल्ली के ओरियंटल बैंक आफ कामर्स के कार्यकारी निदेशक एस सी सिन्हा ने कहा, ''बैंकों के समूह की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप बैंक इस प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। प्रत्येक बैंक के निदेशक मंडल को इस पर फैसला लेना है।'' |
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