मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
महाराष्ट्र की एक शिक्षिका का चयन अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए किया गया है। अमेरिकी स्पेस फाउंडेशन के 10 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी विदेशी नागरिक को फाउंडेशन के 2012 फ्लाइट ऑफ टीचर लाइजन्स कार्यक्रम के लिए चुना गया है। महाराष्ट्र के विद्या वैली स्कूल की टीचर वंदना सूर्यवंशी माध्यमिक स्कूल में पढ़ाती हैं। वह पिछले 20 साल से जीव विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान और सामान्य विज्ञान पढ़ाती आ रही हैं। उनके अलावा 19 अन्य शिक्षकों का चयन भी अंतरिक्ष एवं विज्ञान शिक्षा के इस कार्यक्रम के लिए किया गया है।
पुणे के विद्या वैली स्कूल की अध्यापिका वंदना सूर्यवंशी को अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय अध्यापिका के रूप में चुना गया है। वह पिछले बीस सालों से छात्रों को जीव विज्ञान, अर्थ साइंस और सामान्य विज्ञान पढ़ाने का कार्य कर रही हैं। जल्द ही वंदना उन 19 अमेरिकी शिक्षाविदों के साथ काम करेंगी, जिन्हें स्पेस फाउंडेशन द्वारा अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए चुना गया है।
अंतरिक्ष जागरूकता की गतिविधियों एवं शैक्षिक कार्यक्रमों से जुड़े कोलोराडो स्प्रिंग्स ने बताया कि टीचर लाइजन्स का यह नया दल पाठ्यक्रमों में अंतरिक्ष आधारित शिक्षा की व्यवस्था का समर्थन करने के साथ ही कक्षाओं में अंतरिक्ष सिद्धांतों को और प्रभावी ढंग से समझाने के लिए अंतरिक्ष फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले प्रशिक्षण एवं संसाधनों का इस्तेमाल करेगा।
स्पेस फाउंडेशन टीचर लाइजन्स कार्यक्रम में 270 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इन शिक्षकों का चयन अंतरिक्ष एवं सेना के प्रतिनिधियों की समिति ने किया है। इस कार्यक्रम के तहत 16-19 अप्रैल के बीच कोलोराडो के कोलोराडो स्प्रिंग्स स्थित द ब्रॉडमूर होटल में 28वें राष्ट्रीय अंतरिक्ष संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। प्रतिभागी इसकी कार्यशालाओं और शिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। संगोष्ठी के बाद प्रतिभागी शिक्षक स्पेस फाउंडेशन और नासा की कार्यशालाओं में विशेष प्रशिक्षण एवं निर्देशों का लाभ उठा सकते हैं।
एफ-35 की पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू जेट विमान बेचने की पेशकश के बाद अब अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर बैलिस्टिक मिसाइल कवच तैयार करने की योजना बनाई है। अमेरिका के उप रक्षा मंत्री रॉबर्ट केर ने यह पेशकश की है। उनका कहना है कि अमेरिका और भारत के संबंध न सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप बल्कि पूरी दुनिया में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिहाज से जरूरी है।
उधर, चीन ने इस साल अंतरिक्ष में और अधिक रॉकेट और सैटेलाइट भेजने की तैयारी की है। स्थानीय मीडिया ने चीन के एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन के हवाले से यह खबर दी है।
चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए जिम्मेदार प्रमुख एजेंसी ने अपने सालाना बैठक के दौरान यह ऐलान किया। एजेंसी ने कहा है कि 2012 में 21 रॉकेट और 30 सैटेलाइट छोड़े जाएंगे। चीन इस अपना पहला रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट भी वेनेजुएला को निर्यात करेगा।
Palash Biswas
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