नयी दिल्ली, एक मार्च (एजेंसी) ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर अब लगेगा पांच गुना जुर्माना लगेगा। सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को अब इस संशोधन के बाद पांच गुना जुर्माना अदा करना होगा। इसके अलावा सड़क हादसों से प्रभावितों के लिये मुआवजा बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया गया है। एक प्रस्तावित संशोधन के तहत दुर्घटना में किसी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को दी जाने वाली मुआवजा राशि को चार गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। वहीं 'हिट एंड रन' के मामले में गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इस बदलावों को मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के जरिये लागू किया जाएगा। संसद के आगामी सत्र में इसे पेश किया जा सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसके तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने और यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर अधिक कड़ी सजा का प्रावधान है। एक सूत्र ने कहा, ''इन संशोधनों का मतलब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों से कड़ाई से निपटना है। बार-बार उल्लंघन पर न केवल ऊंचा जुर्माना अदा करना होगा, बल्कि उस व्यक्ति को जेल भी भेजा जा सकेगा।'' शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर 2,000 से 10,000 रुपये का जुर्माना और छह माह से चार साल की सजा का प्रावधान होगा। अधिकारी ने बताया कि यदि 100 एमएल रक्त में अल्कोहल की मात्रा 30 एमजी होगी, तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा। अधिकारी ने कहा कि यदि 100 एमएल रक्त में अल्कोहल की मात्रा 30 से 60 एमजी होगी, तो ऐसे मामलों में 2,000 रुपये जुर्माने या छह माह की सजा का प्रावधान है। वहीं यदि 100 एमएल रक्त में शराब की मात्रा 60 से 150 एमजी होगी, तो एक साल की सजा या 4,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। यदि तीन साल में इसी तरह का उल्लंघन दोहराया जाता है, तो जुर्माना राशि बढ़कर 8,000 रुपये या सजा तीन साल की हो जाएगी। इसके अलावा ऐसे लोग जिनके 100 एमएल रक्त में शराब की मात्रा 150 एमजी से अधिक होगी उन पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा या फिर उन्हें दो साल की जेल होगी। तीन साल में इसी तरह के उल्लंघन को दोहराने पर जुर्माना राशि 10,000 रुपये या सजा चार साल की हो जाएगी। इसके लिए उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति नशीली दवा का सेवन कर वाहन चलाने का दोषी पाया जाता है, तो उसे छह माह की सजा होगी या फिर 5,000 रुपये का जुर्माना। बार-बार के इस तरह के उल्लंघन पर 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ छह माह की सजा के अलावा लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। हालांकि, सरकार ने नशीली पदार्थ के सेवन के साथ ड्राइविंग के लिए जुर्माना राशि बढ़ा दी है, लेकिन इसके लिए सजा को दो साल से घटाकर छह माह कर दिया गया है। इसी तरह लालबत्ती पार करने पर जुर्माना राशि को 100 रुपये से बढ़ाकर 100 से 500 रुपये करने का प्रस्ताव है। बाद में इसके लिए जुर्माना राशि को 300 से बढ़ाकर 300 से 1,500 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसी तरह निर्धारित सीमा से अधिक की गति पर वाहन चलाने के लिए जुर्माना राशि को पहली गलती पर 400 से बढ़ाकर 400 से 1,000 रुपये और गलती दोहराने पर 1,000 से 2,000-5,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। दूसरी बार खतरनाक तरीके से गाड़ी दौड़ाने पर जुर्माना राशि 2,000 से 5,000 रुपये होगी या फिर दो साल की जेल की सजा होगी। हालांकि पहली गलती पर छह माह की सजा या 1,000 रुपये के जुर्माने के प्रावधान में बदलाव नहीं किया गया है। ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल फोन पर बात करने पर पहली बार 500 रुपया का जुर्माना लगेगा। बाद में इसी तरह के उल्लंघन पर जुर्माना राशि 2,000 से 5,000 रुपये तक होगी। इसमें कहा गया है कि मोबाइल फोन से सिर्फ बात करने ही नहीं संदेश या पिक्चर भेजने पर भी जुर्माना लगेगा। इसका मतलब है कि मोबाइल से बात करने ही नहीं बल्कि संदेश भेजने या हैंड फ्री उपकरण का इस्तेमाल भी यातायात नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इसमें कहा गया है कि विभिन्न न्यायाधिकरणों और अदालतों में थर्ड पार्टी बीमा दावों के 14 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। ऐसे में थर्ड पार्टी बीमा मामलों में सड़क दुर्घटनाआें के लिए मुआवजे की गणना को भी तर्कसंगत बनाए जाने का प्रस्ताव है। |
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