नयी दिल्ली, 31 मार्च (एजेंसी) केन्रदीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून : एएफएसपीए : में आज तीन संशोधन करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि मामला फिलहाल सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के पास लंबित है । चिदंबरम ने अपने मंत्रालय की मार्च महीने की प्रगति रपट पेश करते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि गृह मंत्रालय की राय है कि एएफएसपीए में तीन संशोधन किये जाने चाहिए । यह प्रस्ताव सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलय समिति : सीसीएस : के समक्ष लंबित है । उनसे संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि क्रिस्टोफ हेन्स के इस सुझाव के बारे में सवाल किया गया था कि एएफएसपीए को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्र की असीम शक्तियों का प्रतीक है और लोकतंत्र में इसकी कोई भूमिका नहीं है । चिदंबरम ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि ने सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह की बात कही है । संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि ने एक ऐसे क्षेत्र में भारत सरकार के प्रयासों में खुलेपन और इच्छाशक्ति को लेकर तारीफ की है, जिस क्षेत्र में कई देशों में मुद्दों से निपटना काफी पेचीदा होता है । चिदंबरम ने कहा कि उनके हिसाब से प्रतिनिधि ने कुछ सकारात्मक बयान दिया है । एएफएसपीए के बारे में उन्होंने कहा कि जिस तरह की राय संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधियों की है, वैसी राय कई अन्य लोगों की है । कई अन्य लोगों की इससे अलग तरह की राय भी है । चिदंबरम के मुताबिक गृह मंत्रालय का मानना है कि एएफएसपीए में तीन संशोधन किये जाने की आवश्यकता है और यह मामला फिलहाल सीसीएस के पास लंबित है । |
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