नयी दिल्ली, 28 मार्च (एजेंसी) विभाजन के बाद हिन्दुस्तान से पाकिस्तान गये दिल्ली के दीवाने ने इस शहर के लिए अपने जज्बातों को कागज पर उतारा है और उनका कहना है, 'मैं दिल्ली के लिए गीत मौत तक गाता रहूंगा।' कराची निवासी 88 वर्षीय अब्दुल रहमान सिद्दीकी ने अपनी किताब 'स्मोक विदआउट फायर: पोट्रेट आफ प्री-पार्टिशन डेल्ही' में विभाजन के पहले की दिल्ली और इसमें लेखक की जिंदगी के कैनवास को दर्शाया गया है। कल रात चांदनी चौक में मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल में इस किताब का लोकार्पण किया। यह किताब 23 साल की उम्र में विभाजन के वक्त पाकिस्तान गये सिद्दीकी का पुरानी दिल्ली से जुड़ा भावनात्मक दस्तावेज है। सिद्दीकी ने कहा, ''मैं सच्चा दिल्लीवाला हूं। मैं इस शहर से बेइंतहा मोहब्बत करता हूं और अपनी आखिरी सांस तक दिल्ली के गीत गाता रहूंगा। दिल्ली हमारे उप महाद्वीप के सौहार्द की आत्मा है।'' उन्होंने कहा कि दिल्ली ने दुनिया के सामने शांति और सौहार्द का अनोखा एवं बेहतरीन उदाहरण पेश किया है, जहां विभिन्न क्षेत्रों, धर्मों और देशों के लोग एकसाथ रहते हैं। चांदनी चौक में मस्जिद, मंदिर, चर्च और गुरूद्वारा एक पंक्ति में है, जो सर्वधर्मसद्भाव की शानदार मिसाल है। इस मौके पर सिब्बल ने कहा कि विभाजन में लोगों के दिलों का भी बंटवारा हो गया और अब इन दिलों को मिलाने के लिए कोशिश की जानी चाहिए। यदि लोगों के दिल मिल गये तो 'सीमायें' खुदबखुद खत्म हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि भले ही लोग सीमा के दूसरी तरफ चले गये हों, लेकिन अपना दिल छोड़कर गये थे। इस कार्यक्रम का आयोजन राज्यसभा सदस्य मणिशंकर अय्यर ने 'पॉलिसी एंड प्लानिंग ग्रूप' की तरफ से किया था। |
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